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मई 2025 हिंदू कैलेंडर

May Hindu Calendar 2025: मई में 8 दिन पड़ेंगे तीज-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट


मई के महीने में प्रकृति अपने चरम पर होती है। पेड़-पौधों पर नए पत्ते आते हैं, फूल खिलते हैं और हर तरफ हरियाली दिखाई देती है। यह समय प्रकृति की सुंदरता को निहारने और उसकी सुंदरता का आनंद लेने का है। मई के महीने में कई प्रमुख पर्व मनाए जाते हैं, जो आस्था और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। यह समय लोगों को एक साथ लाने और उनकी आस्था और उत्साह को बढ़ाने का है।


मई माह में गंगा सप्तमी मनाई जाएगी,  जो मां गंगा की उपासना के लिए समर्पित एक विशेष दिन है। इसे हम गंगा जयंती के रूप में भी मनाते हैं। इसके अलावा 10 महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या को मां बगलामुखी की जयंती भी मई माह में मनाई जाएगी। इसी माह में सुहागिनों का एक प्रमुख व्रत- 'वट सावित्री व्रत' भी पड़ना वाला है। हिन्दु पौराणिक कथाओं के अनुसार सावित्री ने मृत्यु के देवता भगवान यम को भ्रमित कर उन्हें अपने पति सत्यवान के प्राण को लौटाने पर विवश किया था। इसीलिये विवाहित स्त्रियां अपने पति की सकुशलता एवं दीर्घायु की कामना से वट सावित्री व्रत का पालन करती हैं।


इसके अलावा हमारे देश में माने जाने वाले विभिन्न धर्मों में से 'बौद्ध धर्म' का भी एक महत्वपूर्ण पर्व बुद्ध पूर्णिमा भी मई माह में मनाया जाएगा। नारद जी के जन्म के अवसर पर मनाई जाने वाली नारद जयंती भी मई के महीने में ही मनाई जाएगी।  प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है। मई माह में शनि जयंती भी मनाई जाएगी। माना जाता है इस दिन शनि अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। शनि की साढ़े साती, ढैय्या या शनि की महादशा से गुजर रहे भक्तों के लिए यह दिन विशेष फल देने वाला है। आइए, भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से मई में पड़ने वाले व्रत और त्योहार के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

 

मई 2025 में आने वाले व्रत और त्योहार की पूरी लिस्ट यहां पढ़ें

  • विनायक चतुर्थी- 1 मई 2025, गुरुवार
  • शंकराचार्य जयंती- 2 मई 2025, शुक्रवार
  • सूरदास जयंती- 2 मई 2025, शुक्रवार
  • रामानुज जयंती- 2 मई 2025, शुक्रवार
  • स्कंद षष्ठी- 2 मई 2025, शुक्रवार
  • गंगा सप्तमी- 3 मई 2025, शनिवार
  • भानु सप्तमी- 4 मई 2025, रविवार
  • अग्नि नक्षत्र प्रारंभ- 4 मई 2025, रविवार
  • सीता नवमी- 5 मई 2025, सोमवार
  • बगलामुखी जयंती- 5 मई 2025, सोमवार
  • मासिक दुर्गाष्टमी- 5 मई 2025, सोमवार
  • त्रिशूर पूरम- 7 मई 2025, बुधवार
  • महावीर स्वामी केवलज्ञान- 7 मई 2025, बुधवार
  • मोहिनी एकादशी- 8 मई 2025, गुरुवार
  • परशुराम द्वादशी- 8 मई 2025, गुरुवार
  • प्रदोष व्रत- 9 मई 2025, शुक्रवार
  • नृसिंह जयंती- 11 मई 2025, रविवार
  • छिन्नमस्तिका जयंती- 11 मई 2025, रविवार
  • कूर्म जयंती- 12 मई 2025, सोमवार
  • बुद्ध पूर्णिमा- 12 मई 2025, सोमवार
  • चित्रा पौर्णमी- 12 मई 2025, सोमवार
  • वैशाख पूर्णिमा व्रत- 12 मई 2025, सोमवार
  • अन्वाधान- 12 मई 2025, सोमवार
  • नारद जयंती- 13 मई 2025, मंगलवार
  • वृषभ संक्रांति- 15 मई 2025, गुरुवार
  • एकदंत संकष्टी चतुर्थी- 16 मई 2025, शुक्रवार
  • कालाष्टमी- 20 मई 2025, मंगलवार
  • मासिक कृष्ण जन्माष्टमी- 20 मई 2025, मंगलवार
  • हनुमान जयंती *तेलुगू- 22 मई 2025, गुरुवार
  • अपरा एकादशी- 23 मई 2025, शुक्रवार
  • शनि त्रयोदशी- 24 मई 2025, शनिवार
  • प्रदोष व्रत- 24 मई 2025, शनिवार
  • मासिक शिवरात्रि- 25 मई 2025, रविवार
  • वट सावित्री व्रत- 26 मई 2025, सोमवार
  • मासिक कार्तिगई- 26 मई 2025, सोमवार
  • दर्श अमावस्या- 26 मई 2025, सोमवार
  • अन्वाधान- 26 मई 2025, सोमवार
  • शनि जयंती- 27 मई 2025, मंगलवार
  • रोहिणी व्रत- 27 मई 2025, मंगलवार
  • इष्टि- 27 मई 2025, मंगलवार
  • ज्येष्ठ अमावस्या- 27 मई 2025, मंगलवार
  • अग्नि नक्षत्र समाप्त- 28 मई 2025, बुधवार
  • चंद्र दर्शन- 28 मई 2025, बुधवार
  • विनायक चतुर्थी- 30 मई 2025, शुक्रवार


मई 2025 में होगा 4 बड़े ग्रहों का गोचर

  • 4 मई 2025- बुध का मेष राशि में गोचर
  • 14 मई 2025- गुरु वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 
  • 18 मई 2025-  राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में पहुंचेंगे और केतु सिंह राशि में गोचर करेंगे।
  • 21 मई 2025- बुध का वृष राशि में गोचर
महाशिवरात्रि 2025 कब है

सनातन हिंदू धर्म में, महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह फरवरी या मार्च महीने में आती है।

सियारानी का अचल सुहाग रहे - भजन (Bhajan: Siyarani Ka Achal Suhag Rahe)

मेरे मिथिला देश में, आओ दूल्हा भेष ।
ताते यही उपासना, चाहिए हमें हमेशा ॥

षटतिला एकादशी पर तिल के उपाय

षटतिला एकादशी माघ महीने में पड़ती है और इस साल यह तिथि 25 जनवरी को है। षटतिला का अर्थ ही छह तिल होता है। इसलिए, इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है।

जागो पहाड़ावाली तेरा, जागण वेला होया(Jaago Pahada Waali Tera Jagan Vela Hoya)

जागो पहाड़ावाली तेरा,
जागण वेला होया,