नवीनतम लेख

मासिक शिवरात्रि में ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा

मासिक शिवरात्रि 2024: इस पूजा विधि से करें महादेव को प्रसन्न, पूरी होगी सभी मनोकामनाएं


हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप, और भोग अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि विधिपूर्वक पूजा करने और शिव मंत्रों का जाप करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं, पारिवारिक सुख-शांति बनी रहती है और भक्तों की सभी इच्छाएं भी पूरी होती हैं।


मासिक शिवरात्रि का महत्व 


मासिक शिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित पर्व है। इसे हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत और पूजा करने से पारिवारिक जीवन में सुख-शांति आती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इससे और भी कई तरह के लाभ हैं जो इस प्रकार हैं। 


  1. वैवाहिक बाधाएं होती हैं दूर: मासिक शिवरात्रि का व्रत उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है जिनके विवाह में बाधाएं आ रही हैं।
  2. चंद्रमा से जुड़ी समस्याएं: शिवलिंग का रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करने से कुंडली में चंद्रमा संबंधित दोष दूर होते हैं।
  3. खुशहाली: इस दिन की पूजा से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और शांति आती है।


मासिक शिवरात्रि पूजा विधि 


यह दिन भगवान शिव के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने और उनके आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयों को दूर करने का उत्तम अवसर है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विधिपूर्वक करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। जिसकी पूजा विधि निम्नलिखित है। 


  1. स्नान और शुद्धिकरण: सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। पूजा घर या मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें।
  2. पूजा स्थल तैयार करें: एक चौकी पर शिवलिंग या भगवान शिव और उनके परिवार की तस्वीर स्थापित करें।
  3. पूजन सामग्री अर्पित करें: शिवलिंग पर जल, कच्चा दूध, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, धूप, दीप, फल, फूल, और मिठाई चढ़ाएं। 
  4. दीपक जलाएं: महादेव के सामने घी का दीया जलाएं।
  5. मंत्र जाप और आरती: शिव चालीसा पढ़ें और शिव मंत्रों का जाप करें। पूजा के अंत में शिव आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।


जानिए महत्वपूर्ण मंत्र 


मासिक शिवरात्रि पर इन मंत्रों का जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है:

  1. ॐ नमः शिवाय
  2. ॐ नमो भगवते रूद्राय
  3. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय
  4. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥


मासिक शिवरात्रि के लाभ 


  1. रुके हुए कार्य पूरे होते हैं: भगवान शिव की कृपा से रुके हुए कार्य पूरे होते हैं और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
  2. धन-धान्य की प्राप्ति: भोलेनाथ की पूजा करने से आर्थिक समृद्धि और वैभव मिलता है।
  3. पारिवारिक सुख: इस व्रत को रखने से परिवार में शांति बनी रहती है और आपसी संबंध मजबूत होते हैं।
  4. चंद्र दोष का निवारण: रुद्राभिषेक करने से मानसिक शांति मिलती है और कुंडली में चंद्रमा के दोष दूर होते हैं।

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अपरा नामक एकादशी (Jyesth Mas Ke Krishna Paksh Ki Apara Namak Ekaadshi)

इतनी कथा सुनने के बाद महाराज युधिष्ठिर ने पुनः भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़कर कहा-हे मधुसूदन । अब आप कृपा कर मुझ ज्येष्ठ मास कृष्ण एकादशी का नाम और मोहात्म्य सुनाइये क्योंकि मेरी उसको सुनने की महान् अच्छा है।

मैया अम्बे मैया, लाल तेरा घबराये (Maiya Ambe Maiya Lal Tera Ghabraye)

मैया अम्बे मैया,
लाल तेरा घबराये हर पल तुझे बुलाये ॥

महाकाल की बारात में (Mahakal Ki Barat Mein)

डम ढोल नगाड़ा बाजे,
झन झन झनकारा बाजे,

श्री शाकम्भरी चालीसा (Shri Shakambhari Chalisa)

बन्दउ माँ शाकम्भरी, चरणगुरू का धरकर ध्यान ।
शाकम्भरी माँ चालीसा का, करे प्रख्यान ॥

यह भी जाने