मासिक शिवरात्रि पर इस विधि से करेंगे जलाभिषेक, प्रसन्न होंगे महादेव
प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। ये दिन भगवान शिव को समर्पित होती है। इस दिन महादेव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही इस दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत भी किया जाता है। मासिक शिवरात्रि पर जो भी पूजन और व्रत करता है उसको मनोवांछित फल मिलते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। धर्म शास्त्रों में मासिक शिवरात्रि पर जलाभिषेक की विधि बताई गई है। तो आइए इस आलेख में विस्तार से इस विधि के बारे में जानते हैं।
मासिक शिवरात्रि पर जलाभिषेक की विधि
- मासिक शिवरात्रि पर सुबह उठकर स्नान करके साफ वस्त्र पहनना चाहिए।
- पूजा के स्थान को साफ करके वहां शिवलिंग की स्थापना करनी चाहिए।
- गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी आदि से भगवान शिव अभिषेक करना चाहिए।
- इसके साथ ही बेलपत्र और समी के पत्तों को भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए।
- इसके उपरांत भगवान शिव के सामने धूप अथवा दीप जलाया जाना चाहिए।
- भगवान शिव को सफेद मिठाई का भोग लागाना चाहिए।
- और पूजा के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ महादेवाय नमः’ के मंत्रों को जपना चाहिए।
- अंत में भगवान महादेव की श्रद्धा पूर्वक आरती करनी चाहिए।
कब है इस साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि?
वैदिक पंचांग के अनुसार पौष माह में मासिक शिवरात्रि 29 दिसंबर को मनाई जाएगी। 29 दिसंबर को ये तिथि देर रात 3 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी। वहीं 30 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 1 मिनट पर इस तिथि का समापन हो जाएगा।
जानिए इस ख़ास दिन का महत्व
हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि बेहद अहम मानी गई है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगावान शिव और माता पार्वती का पूजन करने वाले के जीवन और परिवार में खुशियों का आगमन होता है। अगर किसी के विवाह में रुकावट आ रही है, तो वो दूर हो जाती है। इसके अलावा इस दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करने से कुंडली में च्रंदमा से संबंधित अगर कुछ परेशानियां हैं तो वे भी समाप्त हो जाती हैं।
जानिए मासिक शिवरात्रि पूजन के लाभ
- धन-धान्य की होगी प्राप्ति:- भोलेनाथ की पूजा करने से आर्थिक समृद्धि और वैभव मिलता है।
- पूरे होते हैं रुके हुए कार्य:- भगवान शिव की कृपा से रुके हुए कार्य पूरे होते हैं और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
- मिलेगा पारिवारिक सुख:- इस व्रत को रखने से परिवार में शांति बनी रहती है और आपसी संबंध मजबूत होते हैं।
- चंद्र दोष का से मिलेगी मुक्ति:- रुद्राभिषेक करने से मानसिक शांति मिलती है और कुंडली में चंद्रमा के दोष दूर होते हैं।