नवीनतम लेख

29 या 30 नवंबर, मासिक शिवरात्रि कब है?

Masik Shivratri 2024: कब है मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि,  जानें सही डेट और मुहूर्त


मासिक शिवरात्रि का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी पाने का सपना साकार होता है। तो आइए विस्तार से जानते हैं मार्गशीर्ष माह की मासिक शिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त।


मासिक शिवरात्रि की तिथि


पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 29 नवंबर 2024 को सुबह 8:39 बजे शुरू होकर 30 नवंबर 2024 को सुबह 10:29 बजे समाप्त होगी। ऐसे में मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजा 29 नवंबर 2024 को करने का विधान है।


शुभ मुहूर्त 


  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:07 से 6:01 तक।
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 1:54 से 2:36 तक।
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:21 से 5:48 तक।
  • अमृत काल: रात 2:56 से 4:42 तक।


जानिए इस व्रत के लाभ


मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के प्रति भक्ति भाव प्रकट करने का विशेष अवसर है। यह व्रत रखने से कई लाभ मिलते हैं जो इस प्रकार हैं।


  • भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • विवाह में आ रही समस्याओं का समाधान होता है।
  • वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और प्रेम बढ़ता है।
  • भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।


मासिक शिवरात्रि पूजा विधि


मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा विशेष विधि-विधान से की जाती है। इस दिन भक्त दिनभर व्रत रखते हैं और भगवान शिव की कृपा पाने के लिए उनका ध्यान करते हैं। पूजा विधि निम्नलिखित है। 


  1. स्नान और शुद्धिकरण: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करके वहां भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  2. पूजा सामग्री: पूजा के लिए बेलपत्र, धतूरा, भांग, कच्चा दूध, गंगाजल, शुद्ध जल, पुष्प, दीपक, धूप, मिठाई और श्रृंगार सामग्री का प्रबंध करें।
  3. शिवलिंग अभिषेक: शिवलिंग का अभिषेक कच्चे दूध, दही, शहद, गंगाजल और शुद्ध जल से करें। भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं। माता पार्वती को सुहाग सामग्री जैसे चूड़ी, बिंदी और सिंदूर अर्पित करें।
  4. आरती और मंत्र जाप: दीपक जलाकर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। इसके बाद शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  5. प्रसाद वितरण और दान-पुण्य: पूजा के बाद भगवान को भोग लगाएं और प्रसाद सभी भक्तों में बांटें। दिन के अंत में जरूरतमंदों को दान दें।


मनचाहा वर पाने का उपाय


यदि आप मनचाहा जीवनसाथी पाना चाहते हैं या विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहते हैं, तो मासिक शिवरात्रि के दिन विशेष उपाय करें।


  • शिवलिंग का गंगाजल और शहद से अभिषेक करें।
  • "ऊं नम: शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव से मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें।
  • यह उपाय करने से विवाह के योग जल्दी बनते हैं और इच्छित जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।


इस व्रत से मिलती है शांति


मासिक शिवरात्रि व्रत रखने से न केवल भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन भक्तों के लिए लाभकारी माना गया है, जो वैवाहिक जीवन में सुख-शांति चाहते हैं या किसी विशेष समस्या से परेशान हैं।


आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो (Aao Meri Sakhiyo Mujhe Mehandi Laga Do)

ऐसे वर को क्या वरु,
जो जनमे और मर जाये,

मीठे रस से भरीयो री, राधा रानी लागे(Mithe Ras Se Bharyo Ri Radha Rani Lage)

मीठे रस से भरीयो री,
राधा रानी लागे।

मंत्र जाप का सही समय

हिंदू धर्म में मंत्र जाप को आध्यात्मिक उन्नति का सशक्त माध्यम माना जाता है। मंत्र जाप से ना सिर्फ मानसिक शांति प्राप्त होती है। बल्कि, यह साधक को सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति से भी परिपूर्ण कर देता है।

दशा माता की कथा (Dasha Maata Ki Katha)

सालों पहले नल नामक एक राजा राज किया करते थे। उनकी पत्नी का नाम दमयंती था। दोनों अपने दो बेटों के साथ सुखी जीवन जी रहे थे।

यह भी जाने