Masik Shivratri 2025: अप्रैल माह में इस दिन मनाई जाएगी मासिक शिवरात्रि, जानें सही तिथि और पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती कि विशेष रूप से पूजा की जाती है, जो शिव भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन देशभर में शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और जागरण का आयोजन भी किया जाता है।
निशा काल में करें भगवान शिव की पूजा
इस वर्ष अप्रैल माह में मासिक शिवरात्रि 26 अप्रैल, शनिवार को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निशा काल में शिवरात्रि की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और 26 अप्रैल की रात 12:09 बजे से 12:59 बजे तक निशा काल की तिथि रहेगी। ऐसा कहा जाता है कि इस विशेष समय में भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मासिक शिवरात्रि पर जागरण करने से होती है वृद्धि
- शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें फिर व्रत का संकल्प लें।
- यदि घर पर शिवलिंग हो तो वहीं विधिवत रूप से पूजा करें या फिर नजदीकी शिव मंदिर जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
- गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का पंचामृत बना कर शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद शुद्ध जल से अभिषेक करें।
- भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल और भांग अर्पित करें। फिर माता पार्वती को सुगंधित पुष्प और सिंदूर अर्पित करें।
- फिर मां पार्वती और भगवान शिव को मिठाई का भोग लगाएं और उनकी आरती करें।
- मासिक शिवरात्रि के दिन ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इसलिए इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
- इस दिन भजन-कीर्तन और शिव चालीसा का पाठ सारी रात करना चाहिए, इससे विद्यार्थियों की एकाग्रता शक्ति बढ़ती है और भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
मासिक शिवरात्रि पूजन से होती है कष्ट दूर
पौराणिक मान्यताओं के अनुरूप, मासिक शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ होता है। यह व्रत विशेष रूप से कामनाओं की पूर्ति, विवाहित जीवन में सुख, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए रखा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और शिव कृपा प्राप्त होती है।