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मासिक कार्तिगाई एक विशेष हिंदू त्योहार है। यह मुख्य रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। इस दिन दीप जलाने की परंपरा है। इस दिन खासकर घरों और मंदिरों में दीपक जलाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इससे घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपक और दीयों को सही दिशा में लगाने से घर में सकारात्मकता और समृद्धि का वास होता है। तो आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं कि मासिक कार्तिगाई के दिन किस दिशा में और किस प्रकार से दीपक जलाया जाना चाहिए।
मासिक कार्तिगाई के दिन घरों और आस-पास दीपक जलाए जाते हैं। चूंकि, उत्तर दिशा भगवान कुबेर की दिशा होती है। इसलिए, इस दिशा में दीपक जलाने से आर्थिक समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। वहीं, धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा होती है। इसे अच्छे स्वास्थ्य और शांति की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में दीपक जलाने से घरों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। बता दें कि साल 2025 में फरवरी माह में 06 तारीख को मासिक कार्तिगाई पर्व मनाया जाएगा। इस दिन को विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। शिव जी के साथ इस दिन कार्तिकेय जी को भी पूजा जाता है।
दीपक को हमेशा दीवार के पास या किसी स्थिर स्थान पर रखें ताकि उसका प्रकाश घर के अंदर फैले और किसी बाधा या विघ्न से बचाव हो।
इसके आलावा घर के मुख्य दरवाजे पर दीपक लगाना बहुत शुभ माना जाता है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करता है और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर रखने में मदद करता है।
मासिक कार्तिगाई पर दक्षिण दिशा में दीपक जलाना शुभ नहीं माना जाता है। दरअसल, दक्षिण दिशा को यमराज का स्थान माना जाता है और यहां दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है इसलिए दक्षिण दिशा में दीपक लगाने से बचें।
तेल के दीपक के अलावा घी का दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। यह दीपक घर में शांति और सुख-समृद्धि लाता है। सरसों के तेल या घी में दीपक जलाएं क्योंकि ये प्राकृतिक होते हैं और इनका प्रभाव अधिक सकारात्मक होता है। दीपक को हमेशा समान ऊंचाई पर रखें। इसे फर्श पर रखने के बजाय किसी टेबल, पंखे या शेल्फ पर रखें ताकि दीपक का प्रकाश पूरे घर में समान रूप से फैल सके। कार्तिगाई में विशेष रूप से पांच, सात, या नौ दीपक जलाने की परंपरा है। यह संख्या सौभाग्य और समृद्धि को दर्शाती है।