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धार्मिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मां पार्वती माता अन्नपूर्णा के रूप पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं। इसलिए हर साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। इस दिन को मां अन्नपूर्णा की आराधना के लिए खास माना जाता है। मां अन्नपूर्णा को धन-धान्य और समृद्धि की देवी माना जाता है। मान्यता है कि यदि मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं, तो उनके आशीर्वाद से घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती। तो आइए इस आलेख में विस्तार से जानते हैं अन्नपूर्णा जयंती पर मां को प्रसन्न करने का सही उपाय।
मां अन्नपूर्णा को अन्न, धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनका आशीर्वाद हमारे जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति और प्रगति लाता है। मां अन्नपूर्णा का व्रत रखने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। मान्यता है कि यदि मां का आशीर्वाद है तो रसोई में कभी अन्न और भोजन सामग्री की कमी नहीं होती।
इस दिन चूल्हे की पूजा का विशेष महत्व होता है। इसलिए, इस दिन चूल्हे की विधि- विधान से पूजा जरूर करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होगी और भविष्य में शुभ परिणाम भी मिलेंगे।
बता दें कि मां अन्नपूर्णा की आराधना करने से जीवन में धन, अन्न और सुख-शांति बनी रहती है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन उनकी पूजा विधि और स्तोत्र पाठ करना हर प्रकार की समस्या का निवारण करता है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन जरूरतमंदों को अन्न का दान जरूर करना चाहिए। इस दिन अन्न का दान शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति के जीवन में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती है। वहीं, यदि आप अपनी रसोई में समृद्धि बनाए रखना चाहते हैं और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होने देना चाहते हैं तो इस दिन माता अन्नपूर्णा की सच्चे मन से पूजा करें और उनका आशीर्वाद जरूर प्राप्त करें।