नवीनतम लेख

कुंभ संक्रांति 2025 कब है

Kumbha Sankranti 2025 Date: कब है कुंभ संक्रांति 2025? जानिए डेट और शुभ मुहूर्त 



सनातन धर्म में कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने की परंपरा है। क्योंकि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान-पुण्य करने से सूर्य देव की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, फाल्गुन मास में कुंभ संक्रांति के अवसर पर सूर्य देव मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं। 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक पूजा-पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। तो आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं कि फरवरी में कब  कुंभ संक्रांति मनाई जाएगी और इसका शुभ मुहूर्त क्या होगा। 

कब है कुंभ संक्रांति? 


कुंभ संक्रांति पर पुत्र-पिता का मिलन होता है, इसलिए कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन तीर्थस्थल पर स्नान-दान, तर्पण आदि धार्मिक अनुष्ठान करने वालों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है साथ ही शनि के कष्टों से मुक्ति मिलती है। कुंभ संक्रांति 12 फरवरी 2025 बुधवार को मनाई जाएगी। बता दें कि वैदिक पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 12 फरवरी की रात 10 बजकर 03 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, इस साल कुंभ संक्रांति 13 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।

कुंभ संक्रांति 2025 शुभ मुहूर्त 


पुण्य काल: दोपहर 12:36 बजे से शाम 6:10 बजे तक। 
महापुण्य काल: शाम 4:19 बजे से शाम 6:10 बजे तक।
पुण्य काल की कुल अवधि: 5 घंटे 34 मिनट। 
महापुण्य काल की कुल अवधि: 2 घंटे 51 मिनट। 

कुंभ संक्रांति पूजा विधि 


  • कुंभ संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। 
  • यदि संभव हो तो इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर यह नहीं हो सके तो गंगाजल को पानी में मिलाकर स्नान कर लें। 
  • उसके बाद साफ वस्त्र धारण कर तांबे के लोटे में जल, तिल और गंगाजल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। 
  • इस दौरान ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें और सूर्य चालीसा का पाठ करें। 
  • इसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं और भगवान सूर्य को प्रणाम करें। 
  • पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।

इस दिन दान करने का है विशेष महत्व


कुंभ संक्रांति के दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से पुण्य काल और महापुण्य काल में दान करने से कई गुना फल प्राप्त होता है। इस दिन चावल, गेहूं, दाल, तिल, गुड़, गर्म कपड़े और कंबल का दान किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जीवन में सुख और समृद्धि आती है। वहीं, यदि आप बार-बार बीमार होते रहते हैं, तो कुंभ संक्रांति के दिन गुड़ का दान जरूर करें। गरीबों और जरूरत मंदों को अन्न के साथ वस्त्र दान करने का दोगुना पुण्य मिलता है। साथ ही इस दिन लाल रंग के कपड़े का दान करना शुभ माना जाता है। 

आ गया फागुन मेला (Aa Gaya Falgun Mela)

आ दरश दिखा दे मेरी माँ,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,

जया एकादशी व्रत नियम

प्रत्येक महीने में एकादशी दो बार आती है—एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। कृष्ण पक्ष की एकादशी पूर्णिमा के बाद आती है, जबकि शुक्ल पक्ष की एकादशी अमावस्या के बाद आती है।

तेरी बिगडी बना देगी, चरण रज राधा प्यारी की(Teri Bigdi Bana Degi Charan Raj Radha Pyari Ki)

तेरी बिगड़ी बना देगी,
चरण रज राधा प्यारी की ॥

आयो नंदगांव से होली खेलन नटवर नंद किशोर (Aayo Gandgaon Se Holi Khelan Natwar Nand Kishor)

आयो नंदगांव से होली खेलन नटवर नंद किशोर ।
आयो नंदगांव से होली खेलन नटवर नंद किशोर ।