नवीनतम लेख

माघ में कब है कालाष्टमी व्रत

कब है माघ महीने की कालाष्टमी व्रत? जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त


सनातन हिंदू धर्म में माघ महीने को अत्यंत पवित्र सौभाग्यशाली और भाग्य वर्धक माना जाता है। इस पवित्र महीने में धार्मिक कार्य, व्रत, दान एवं पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। बता दें कि 2025 में माघ मास 14 जनवरी से 12 फरवरी तक रहेगा। इस दौरान कालाष्टमी, षटतिला एकादशी, माघी अमावस्या जैसे महत्पूर्ण पर्व मनाए जाएंगे। इस महीने विधिपूर्वक पूजा और व्रत करके भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। तो आइए, इस आर्टिकल में माघ कालाष्टमी व्रत की तिथि, मुहूर्त और इसके विशेष महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।

 

कब है कालाष्टमी व्रत? 


माघ का महीना जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने, सुख-समृद्धि बढ़ाने और पापों के नाश के लिए जाना जाता है।

कालाष्टमी का व्रत 21 जनवरी को भगवान काल भैरव की पूजा के साथ मनाई जाएगी। माघ माह की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन से ही हो जाती है। वर्ष 2025 में माघ मास 14 जनवरी से शुरू होकर 12 फरवरी को समाप्त होगी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।


कालाष्टमी व्रत शुभ मुहूर्त


पंचांग के अनुसार, माघ मास की कालाष्टमी 21 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। इसकी तिथि 20 जनवरी 2025 को रात 10:32 बजे प्रारंभ होगी। जबकि, तिथि की समाप्ति 21 जनवरी 2025 को रात 12:45 बजे होगी। इस दिन भगवान काल भैरव और माता दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।


क्यों विशेष है ये कालाष्टमी व्रत? 


कालाष्टमी व्रत प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान काल भैरव को समर्पित है। कालाष्टमी व्रत को भैरव अष्टमी या काल भैरव अष्टमी भी कहा जाता है।

मार्गशीर्ष महीने में आने वाली कालाष्टमी विशेष रूप से प्रसिद्ध है और इसे कालभैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है। यदि कालाष्टमी रविवार या मंगलवार को पड़ती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि ये दिन भगवान भैरव को समर्पित माने जाते हैं।


कालाष्टमी व्रत पूजा विधि


  • प्रातः काल पवित्र नदी में स्नान करें या घर पर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। व्रत का संकल्प लें।
  • स्वच्छ स्थान पर भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • धूप, दीप, अक्षत, फूल, काले तिल, सरसों का तेल, और भोग के रूप में इमरती या अन्य मिठाई चढ़ाएं।
  • भगवान भैरव के मंत्र “ॐ कालभैरवाय नमः” का 108 बार जाप करें। चाहें तो हवन का आयोजन भी कर सकते हैं।
  • रात्रि के समय भगवान भैरव की आरती करें और उन्हें प्रसाद चढ़ाएं।


माघ मास में जरूर करें ये कार्य


माघ माह में श्रीहरि और लक्ष्मी जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा माघ मास में प्रतिदिन तुलसी माता की पूजा करनी चाहिए। यह धन-धान्य की वृद्धि करता है। वहीं, माघ में अन्न, वस्त्र, काले तिल, गुड़, और घी का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। साथ ही इस महीने में गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। यदि संभव न हो, तो स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। पूजा के समय श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना भी बेहद शुभ माना जाता है।


माघ मास 2025 के प्रमुख व्रत 


  • 17 जनवरी:- सकट चौथ और लंबोदर संकष्टी चतुर्थी
  • 21 जनवरी:- कालाष्टमी
  • 25 जनवरी:- षटतिला एकादशी
  • 27 जनवरी:- मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत
  • 29 जनवरी:- माघी अमावस्या और मौनी अमावस्या
  • 12 फरवरी:- माघ पूर्णिमा, कुंभ संक्रांति, और गुरु रविदास जयंती

शनि प्रदोष व्रत मुहूर्त और तारीख

सनातन हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। बता दें कि प्रदोष व्रत महीने में दो बार आता है। पर प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ने पर उसे शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है।

भोले भंडारी सबके ही भंडार भरे - भजन (Bhole Bhandari Sabke Hi Bhandar Bhare)

शिव है दयालु, शिव है दाता
शिव पालक है इस श्रिष्टि के

माँ ऊँचे पर्वत वाली, करती शेरो की सवारी(Maa Unche Parwat Wali Karti Shero Ki Sawari)

माँ ऊँचे पर्वत वाली,
करती शेरो की सवारी,

हे शिव भोले मुझ पर, दो ऐसा रंग चढ़ाय(Hey Shiv Bhole mMujhpar Do Aisa Rang Chadaye)

हे शिव भोले मुझ पर,
दो ऐसा रंग चढ़ाय,

यह भी जाने