कब से कब तक रहेंगी गुप्त नवरात्रि, जानें 8 या 9 कितने दिन रहेगी चलेगी उपासना
सनातन हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। नवरात्रि भी इन्हीं में से एक है। एक साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है। इनमें से 2 नवरात्रि प्रत्यक्ष और 2 गुप्त मानी जाती हैं। हिंदू वैदिक पंचांग के 11वें महीने माघ में भी गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। माघ मास होने के कारण इसे माघ गुप्त नवरात्रि कहते हैं। तंत्र-मंत्र की दृष्टि से इस नवरात्रि का विशेष महत्व है। तो आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि 2025 में माघ गुप्त नवरात्रि का पर्व कितने दिनों का होने वाला है।
कितने दिनों की होगी माघ गुप्त नवरात्रि?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी 2025, दिन गुरुवार से प्रारंभ होगी। यह 6 फरवरी 2025, दिन गुरुवार को समाप्त होगी। इस प्रकार माघ गुप्त नवरात्रि कुल 8 दिनों की होगी। बता दें कि नवरात्रि के दौरान तंत्र साधक सिद्ध श्मशानों व अन्य स्थानों पर तपस्या करेंगे और गुप्त सिद्धियां प्राप्त करेंगे। तंत्र साधक इस नवरात्रि में काली, भैरव, डाकिनी-शाकिनी आदि शक्तियों की पूजा करते हैं।
9 के बजाए 8 दिनों की क्यों होगी माघ गुप्त नवरात्रि?
इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 8 दिनों की होगी। दरअसल, नवरात्रि में तिथि क्षय का संयोग बन रहा है। 4 फरवरी, मंगलवार को षष्ठी और सप्तमी तिथि एक ही दिन पड़ रही है। इसी वजह से 2025 के जनवरी महीने में पड़ने वाली माघ गुप्त नवरात्रि 9 की बजाए 8 दिनों की होगी। बता दें कि, नवरात्रि के दौरान ही 3 फरवरी, सोमवार को वसंत पंचमी का पर्व भी मनाया जाएगा।
जानिए किस दिन किस देवी की होगी पूजा?
- 30 जनवरी, गुरुवार:- देवी शैलपुत्री
- 31 जनवरी, शुक्रवार:- देवी ब्रह्मचारिणी
- 1 फरवरी, शनिवार:- देवी चंद्रघंटा
- 2 फरवरी, रविवार:- देवी कूष्मांडा
- 3 फरवरी, सोमवार:- देवी स्कंदमाता
- 4 फरवरी, मंगलवार:- देवी कात्यायनी और देवी कालरात्रि
- 5 फरवरी, बुधवार:- देवी महागौरी
- 6 फरवरी, गुरुवार:- देवी सिद्धिदात्री
माघ गुप्त नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा का फल प्रत्यक्ष नवरात्रि की पूजा से ज़्यादा मिलता है। इस नवरात्रि में तंत्र साधनाओं का विशेष महत्व होता है। साथ ही गुप्त नवरात्रि में अघोरी और तांत्रिक गुप्त महाविद्याओं की पूजा की जाती है। साथ ही इस नवरात्रि में मां दुर्गा के 10 महाविद्याओं की पूजा करके उन्हें सिद्ध किया जाता है।
कैसे होती है दिव्य पूजा?
इस नवरात्र में मातारानी की पूजा करने वाला इसे ना तो किसी को बताता है और ना ही इसमें किसी की सहायता ली जाती है। इसी कारण मातारानी की पूजा करने का फल भी अधिक मिलता है। मनचाहा फल मिलता है। खास बात ये है कि प्रत्येक महाविद्या अपने स्वरूप के अनुसार भक्तों को फल प्रदान करती है।