Holashtak Niyam: होलाष्टक के इन 8 दिनों में भूलकर भी न करें ये काम, वरना हो सकता है अनिष्ट
हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक होली से पहले आठ दिनों की एक विशेष अवधि है, जो फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलिका दहन तक चलती है। इस अवधि के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन दिनों में ग्रहों की स्थिति अशुभ मानी जाती है, जिससे नए काम में बाधा आ सकती है। इसलिए शास्त्रों में इस दौरान कुछ काम करने और कुछ न करने की सलाह दी जाती है।
होलाष्टक के आठ दिनों में क्या करें?
- भगवान विष्णु और अवतार नरसिंह की पूजा - इस समय भगवान विष्णु, खासकर उनके अवतार नरसिंह की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रह्लाद ने इन दिनों में भगवान विष्णु का ध्यान किया था, जिससे उन्हें अपनी समस्याओं से मुक्ति मिली थी।
- होलिका पूजन - फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से प्रतिदिन होलिका पूजन करने से नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं। विशेषकर पूर्णिमा के दिन होलिका दहन से पहले नारियल, गेहूं, चना आदि अर्पित कर पूजन करना शुभ होता है।
- दान-पुण्य करें - इस दौरान ब्राह्मणों और गरीब व जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र, धन आदि दान करना विशेष फलदायी माना जाता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पितृ दोष व ग्रह दोष दूर होते हैं।
- धार्मिक सत्संग व भजन-कीर्तन करें - होलाष्टक के दौरान भागवत कथा, श्रीमद्भागवत, रामायण का पाठ करना और सत्संग करना शुभ व फलदायी होता है। इससे मन शांत रहता है और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
- रंगों से सकारात्मक ऊर्जा फैलाएं - इन दिनों में रंग संबंधी अनुष्ठान करने से सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। घर को साफ-सुथरा रखें और हल्के रंगों से सजाएं।
होलाष्टक के आठ दिनों में क्या न करें?
- कोई भी शुभ कार्य न करें - होलाष्टक के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ संस्कार, नामकरण आदि शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। इस दौरान किए गए कार्यों का फल नहीं मिलता और व्यक्ति को बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
- घर में लड़ाई-झगड़ा न करें और अपशब्दों का प्रयोग न करें - इस दौरान घर में लड़ाई-झगड़ा करना, किसी के साथ दुर्व्यवहार करना और दूसरों का अपमान करना अशुभ माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित हो सकती है, जिससे पारिवारिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।
- बाल और नाखून काटना वर्जित है - होलाष्टक के आठ दिनों में बाल कटवाना, शेविंग करना और नाखून काटना वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दौरान शरीर से कोई भी वस्तु निकालने से दुर्भाग्य बढ़ सकता है।
- नए कपड़े, आभूषण या वाहन न खरीदें - इस समय नए कपड़े, आभूषण, वाहन या संपत्ति खरीदने से बचना चाहिए। इस दौरान खरीदी गई चीजों की स्थायित्व कम होती है और वे जल्दी नष्ट हो सकती हैं।
- तामसिक भोजन अधिक न करें - इस दौरान मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन, मांसाहारी भोजन और नशीले पदार्थों से बचें। इससे मानसिक और शारीरिक ऊर्जा प्रभावित होती है और नकारात्मकता बढ़ती है।