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गुड़ी पड़वा के दिन क्या करें क्या नहीं

गुड़ी पड़वा से होती है हिंदू नववर्ष की शुरुआत, जानें इस दिन क्या करें क्या नहीं


गुड़ी पड़वा का पर्व हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 30 मार्च को पड़ रहा है। गुड़ी पड़वा का यह पर्व न केवल महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देशभर में मनाया जाता है।  इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ ब्रह्मा जी और सूर्य देवता की भी आराधना की जाती है। 


शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन देवी-देवताओं की उपासना करने से और कुछ उपायों का पालन करने से साधकों को साल भर खुशियां और अच्छे स्वास्थ्य के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। इसके अलावा विधान से पूजा करने पर लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। लेकिन इस दिन को लेकर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं, जैसे कि गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है, इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। आइए इस आर्टिकल में कि गुड़ी पड़वा के महत्व और इस दिन के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।


साल 2025 में कब है गुड़ी पड़वा? 


पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक जारी रहेगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि मान्य है। इसलिए 30 मार्च को गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाएगा।


गुड़ी पड़वा का धार्मिक महत्व 


गुड़ी पड़वा को मराठी नववर्ष के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन मराठी समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नए वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।

  • घरों की सजावट- इस दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं और उन्हें रंगोली और फूलों से सजाते हैं। यह घरों को सुंदर और आकर्षक बनाने का एक तरीका है।
  • नए कपड़े और पारंपरिक भोजन- गुड़ी पड़वा के दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और पारंपरिक भोजन बनाते हैं। यह दिन परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाने का एक अवसर है।
  • गुड़ी ध्वज का महत्व- गुड़ी पड़वा के दिन लोग गुड़ी नामक एक विशेष ध्वज को फहराते हैं, जो विजय और समृद्धि का प्रतीक है। यह ध्वज घरों के बाहर फहराया जाता है और इसका बहुत महत्व है।


गुड़ी पड़वा के दिन क्या करें?


गुड़ी पड़वा के दिन ये काम करने से आपको शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं:


  • ब्रह्म मुहूर्त में उठना: गुड़ी पड़वा के दिन लोगों को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शरीर पर उबटन लगाकर स्नान आदि करना चाहिए। इसके साथ ही मां दुर्गा का ध्यान करें। ऐसा करने से घर में खुशहाली आएगी और आपका पूरा साल अच्छा बीतेगा। 
  • नए कपड़े पहनना: सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद नए कपड़े पहनें।
  • घरों की सजावट: अपने घरों को साफ करें और उन्हें रंगोली और फूलों से सजाएं।
  • सूर्य देव की पूजा: सूर्य देव की पूजा करें और उन्हें अर्घ्य दें।
  • गुड़ी लगाना: घर के आगे एक झंडा यानी गुड़ी लगाएं। गुड़ी को घर के मुख्य द्वार या फिर छत पर लगाया जाता है, इसकी पूजा करें। 
  • पूजा-अर्चना: पूजन के लिए नई चौकी या वेदी पर सफेद रंग का वस्त्र बिछाएं और उस पर हल्दी या केसर से अष्टदल कमल बनाएं। इसके बाद कमल के मध्य में ब्रह्मा जी की मूर्ति स्थापित करें। ऐसा करने के बाद सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और फिर 108 बार ‘ॐ ब्रह्मणे नमः’ मंत्र का जाप करें साथ ही गंध, पुष्प, धूप, दीप इत्यादि से भगवान की पूजा-अर्चना करें।
  • सुबह पूजन और गंगाजल छिड़कना: सुबह पूजन के बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कें और मां दुर्गा का ध्यान करें।
  • नीम के पत्ते का चूर्ण: नीम के पत्ते का चूर्ण बनाकर उसमें नमक, हींग, जीरा, काली मिर्च, अजवाइन और मिश्री मिलाकर सेवन करें।
  • हरिद्रा के दाने: अपनी दुकान या जिस जगह पर आप व्यापार करते हैं उसके मुख्य द्वार के दोनों तरफ हरिद्रा के कुछ दाने डाल दें।
  • पारंपरिक भोजन: इस दिन लोग पारंपरिक भोजन भी बनाते हैं जैसे - श्रीखंड, पूरन पोली और साबूदाना बड़ा आदि।
  • दान: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े का दान करें। अगर आपके व्यापार में अनावश्यक रूप से बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं, तो गुड़ी पड़वा के दिन घर की किसी छोटी कन्या से एक कटोरी साबुत चावल किसी निर्धन व्यक्ति को दान करवाएं।
  • पूर्वजों का तर्पण: अपने पूर्वजों को भी याद करें और उनका तर्पण व पिंडदान करें।
  • परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना: इस दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं और एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते हैं।


गुड़ी पड़वा पर क्या न करें?


गुड़ी पड़वा का दिन सबसे पवित्र दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। 


  • व्यसन न करें: गुड़ी पड़वा के दिन भूलकर भी किसी भी प्रकार का व्यसन न करें, जैसे कि शराब, धूम्रपान आदि।
  • नाखून न काटें: इस दिन नाखून नहीं काटने चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपकी आयु कम हो सकती है।
  • दाढ़ी-मूंछ और बाल न कटवाएं: गुड़ी पड़वा के दिन दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाएं, क्योंकि ऐसा करने से आपके पुण्य कम हो सकते हैं।
  • पूजा-पाठ में गलतियां न करें: गुड़ी पड़वा पूजा-पाठ में गलतियां न करें, क्योंकि ऐसा करने से आपकी पूजा अधूरी रह सकती है।
  • दिन में सोने से बचे: गुड़ी पड़वा के दिन दिन में सोना नहीं चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपकी ऊर्जा और उत्साह कम हो सकता है।


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हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का व्रत विशेष महत्व रखता है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा को समर्पित है। उन्हें विघ्नहर्ता और शुभ फल प्रदान करने वाला देवता माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करने और कुछ उपाय अपनाने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं और मनचाही सफलता प्राप्त होती है।

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