Paush Darsh Amavasya 2024: दर्श अमावस्या के दिन करें जरूर करें ये खास उपाय, मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद
हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन खान-पान से जुड़े कुछ खास उपाय किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में आने वाली कठिनाइयों से भी छुटकारा मिलता है।
इतना ही नहीं दर्श अमावस्या के बाद नए कार्यों की शुरुआत करना भी शुभ माना जाता है। तो आइए इस लेख में दर्श अमावस्या और इसमें किए जाने वाले खास उपायों को विस्तार से जानते हैं।
जानिए कब है दर्श अमावस्या?
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी और 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगा। उदया तिथि को देखते हुए 30 दिसंबर को दर्श अमावस्या मनाई जाएगी।
इस दिन करें पितरों का तर्पण
इस दिन पितरों को जल, तिल, कुशा एवं खाद्य पदार्थ अर्पित किए जाते हैं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने वंश पर कृपा बरसाते हैं। पितृ ऋण से मुक्ति पाने के लिए भी दर्श अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है।
दर्श अमावस्या के दिन करें ये उपाय
- दर्श अमावस्या के दिन लोगों को सात्विक भोजन करना चाहिए। जैसे कि दाल, चावल, रोटी, सब्जियां, फल एवं दूध।
- तिल को पितरों का प्रिय भोजन माना जाता है। इसलिए, इस दिन तिल के लड्डू या तिल का हलवा बनाकर ग्रहण करना शुभ माना जाता है।
- काले चने को भी पितरों को अर्पित किया जाता है। इसलिए, काले चने की दाल या काले चने की सब्जी बनाकर खा सकते हैं।
- शहद को भी पितरों का प्रिय भोजन माना जाता है। आप शहद को दूध में मिलाकर पी सकते हैं या दही में मिलाकर खा सकते हैं।
- पितरों को मिठाई भी अर्पित किया जाता है। इसलिए, इस दिन घर में मोतीचूर के लड्डू, गुलाब जामुन या फिर कोई अन्य मिठाई भी बनाया जा सकता है।
दर्श अमावस्या के दिन ध्यान रखें ये बातें
- लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन माना जाता है। इसलिए, इस दिन इनका सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही अंडे का सेवन भी इस दिन वर्जित होता है।
- शराब का सेवन किसी भी दिन करना सही नहीं माना जाता है। हालांकि, दर्श अमावस्या के दिन इससे विशेष रूप से बचना चाहिए।
- पितरों को भोजन केले के पत्ते पर परोसना चाहिए और भोजन में तिल अवश्य मिलाया जाना चाहिए।
- इसके अलावा भोजन को कुशा की घास से छूना चाहिए। इसके साथ ही भोजन पर गंगाजल का छिड़काव भी जरूरी है।
दर्श अमावस्या के दिन क्या करें?
- श्राद्ध कर्म:- ब्राह्मणों को भोजन करवाकर और दान दक्षिणा देकर श्राद्ध कर्म किया जाता है।
- पितरों को जल अर्पित करें:- पितरों को जल अर्पित करने से उनकी प्यास बुझती है।
- तिल का दान:- तिल को पितरों का प्रिय भोजन माना जाता है। इसलिए, तिल का दान करना शुभ होता है।
- गंगा स्नान:- यदि संभव हो तो गंगा नदी में स्नान करें।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाएं:- शिवलिंग पर जल चढ़ाकर पितरों का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही इस दिन पितरों के नाम का जाप करें।
- दर्श अमावस्या पर दान:- दर्श अमावस्या के दिन दान करना बेहद शुभ होता है। इस दिन गरीबों को भोजन, कपड़े या धन दान करें। साथ ही यदि आपके परिवार में श्राद्ध करने की परंपरा है तो इस दिन श्राद्ध कर्म भी करवाया जा सकता है।