April 2025 First Week Vrat Tyohar: 1 से 7 अप्रैल पहले हफ्ते में पड़ेंगे ये त्योहार, देखें लिस्ट
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अप्रैल साल का चौथा महीना होता है। अप्रैल का पहला हफ्ता विभिन्न त्योहारों और उत्सवों से भरा हुआ है। इस हफ्ते में कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे। जिनमें राम नवमी, स्वामीनारायण जयंती, विनायक चतुर्थी और अन्य शामिल हैं। ये त्योहार न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं, बल्कि हमार जीवन को अध्यात्मिक और धार्मिक मूल्यों से भी भर सकते हैं। आइए इस आर्टिकल में अप्रैल के पहले हफ्ते में पड़ने वाले इन महत्वपूर्ण त्योहारों के बारे में जानते हैं और उनके धार्मिक महत्व को समझते हैं।
1 से 7 अप्रैल 2025 के व्रत-त्यौहार
- 1 अप्रैल 2025 - चैती छठ प्रारंभ (नहाय खाय), विनायक चतुर्थी, मासिक कार्तिगाई
- 2 अप्रैल 2025 - चैती छठ (खरना), लक्ष्मी पंचमी
- 3 अप्रैल 2025 - चैती छठ (साध्य अर्घ्य), यमुना छठ, रोहिणी व्रत, स्कन्द षष्ठी
- 4 अप्रैल 2025 - चैती छठ (ऊषा अर्घ्य)
- 5 अप्रैल 2025 - मासिक दुर्गाष्टमी
- 6 अप्रैल 2025 - रामनवमी, स्वामीनारायण जयंती, महातारा जयन्ती
- 7 अप्रैल 2025 - चैत्र नवरात्रि पारण
1 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार
1 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है:
- चैती छठ प्रारंभ (नहाय खाय) - चैती छठ सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित लोक आस्था का महापर्व है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक 4 दिनों तक चलता है, जो उत्तर भारत, विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दौरान भगवान सूर्य को सच्ची भक्ति के साथ अर्घ्य देने और विधिवत पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। चैती छठ पूजा का पहला दिन 1 अप्रैल 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा, जिसमें व्रती पवित्र नदी या तालाब में स्नान करते हैं और फिर शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं, जिसमें कद्दू की सब्जी, चने की दाल और चावल विशेष रूप से बनाए जाते हैं। इस दिन को नहाय खाय कहा जाता है।
- विनायक चतुर्थी - विनायक चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान से अपनी किसी भी मनोकामना की पूर्ति के आशीर्वाद को वरद कहते हैं। जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं।
- मासिक कार्तिगाई - कार्तिगाई दीपम मुख्य रूप से तमिल हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार तमिल लोगों द्वारा मनाये जाने वाले सबसे पुराने त्यौहारों में से एक है। त्योहार के दिन शाम के समय घरों और गलियों में तेल के दीप एक पंक्ति में जलायें जाते हैं।
2 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार
2 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है:
- चैती छठ (खरना) - चैती छठ पूजा का दूसरा दिन 2 अप्रैल 2025, बुधवार को खरना के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को सूर्य देव की पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर, रोटी और फल का सेवन करते हैं। खरना के प्रसाद को ग्रहण करने के बाद, व्रतियों का 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।
- लक्ष्मी पंचमी - जैसा कि नाम से ही विगत है कि, यह दिन धन तथा समृद्धि की देवी लक्ष्मी को समर्पित है। लक्ष्मी पंचमी को श्री पञ्चमी तथा श्री व्रत के नाम से भी जाना जाता है। श्री, देवी लक्ष्मी के पवित्र नामों में से एक है। लक्ष्मी पंचमी का दिन हिन्दु नव वर्ष के प्रथम सप्ताह के दौरान आता है। वर्ष के आरम्भ में देवी लक्ष्मी की पूजा करना अत्यन्त शुभ माना जाता है। लक्ष्मी पंचमी के अवसर पर भक्तगण दिन भर व्रत का पालन करते हैं तथा घर के साथ-साथ कार्यालय में भी देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। कुछ व्यापारिक घराने तथा व्यापारी लक्ष्मी पंचमी के दिन ही देवी लक्ष्मी की विस्तृत पूजा-अर्चना करते हैं।
3 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार
3 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है:
- चैती छठ (संध्या अर्घ्य) - चैती छठ पूजा का तीसरा दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है, जो 3 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन व्रती शाम के समय पवित्र नदी या तालाब के किनारे एकत्रित होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं, जिसमें फल, फूल, ठेकुआ और अन्य पारंपरिक सामग्रियां शामिल होती हैं। यह अर्घ्य सूर्य देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
- यमुना छठ - यमुना छठ को विशेष रूप से भारत में उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृन्दावन में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिवस को देवी यमुना के पृथ्वी पर अवतरित होने की मान्यता के लिये स्मरण किया जाता है। अतः यमुना छठ को यमुना जयन्ती के रूप में मनाया जाता है। इसे चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है जो कि चैत्र नवरात्रि के दौरान आती है। पौराणिक कथाओं में देवी यमुना को भगवान श्री कृष्ण की पत्नी माना गया है। यही कारण हैं कि यमुना मुख्यरूप से ब्रजवासियों द्वारा पूजनीय हैं।
- रोहिणी व्रत - रोहिणी व्रत जैन समुदाय का एक महत्वपूर्ण दिन है। रोहिणी व्रत का पालन मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा अपने पति की दिर्घायु के लिए किया जाता है।
- स्कन्द षष्ठी - तमिल हिन्दुओं के बीच स्कन्द एक प्रसिद्ध देवता हैं। स्कन्द देव भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र और भगवान गणेश के छोटे भाई हैं। भगवान स्कन्द को मुरुगन, कार्तिकेय और सुब्रहमन्य के नाम से भी जाना जाता है। षष्ठी तिथि भगवान स्कन्द को समर्पित हैं। शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन श्रद्धालु लोग उपवास करते हैं। षष्ठी तिथि जिस दिन पञ्चमी तिथि के साथ मिल जाती है उस दिन स्कन्द षष्ठी के व्रत को करने के लिए प्राथमिकता दी गयी है। इसीलिए स्कन्द षष्ठी का व्रत पञ्चमी तिथि के दिन भी हो सकता है।
4 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार
4 अप्रैल 2025 को चैत्र नवरात्रि का छठा दिन है, ऐसे में आप मां दुर्गा की उपासना कर सकते हैं।
- चैती छठ (ऊषा अर्घ्य) - चैती छठ पूजा का समापन 4 अप्रैल 2025, शुक्रवार को होगा, जब व्रती उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगे। इसके बाद व्रती प्रसाद का वितरण करेंगे और अपने व्रत का पारण करेंगे, जिससे उनके 4 दिनों के कठिन व्रत का समापन होगा।
5 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार
5 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है:
- मासिक दुर्गाष्टमी - हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान दुर्गाष्टमी का उपवास किया जाता है। इस दिन श्रद्धालु दुर्गा माता की पूजा करते हैं और उनके लिए पूरे दिन का व्रत करते हैं। मुख्य दुर्गाष्टमी जिसे महाष्टमी कहते हैं, आश्विन माह में नौ दिन के शारदीय नवरात्रि उत्सव के दौरान पड़ती है। दुर्गाष्टमी को दुर्गा अष्टमी के रूप में भी लिखा जाता है और मासिक दुर्गाष्टमी को मास दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।
- चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि - चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देवी महागौरी की पूजा की जाती है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं। इस दिन कंजक पूजा भी की जाती है, जिसमें 9 लड़कियों को भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं। अष्टमी तिथि के दिन दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भी देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन व्रत और उपवास रखने से भी देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
6 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार
6 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है:
- राम नवमी - भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। प्रत्येक वर्ष इस दिन को भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। राम नवमी के समय आठ प्रहर उपवास करने की सलाह दी जाती है। जिसका अर्थ है- भक्तों को सूर्योदय से सूर्योदय तक व्रत पालन करना चाहिये। राम नवमी के अवसर पर दूर-दूर से श्रद्धालु अयोध्या आते हैं। सरयू नदी में पवित्र स्नान करने के बाद भक्तगण भगवान राम के जन्मोत्सव में भाग लेने के लिए राम मन्दिर जाते हैं।
- चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि - चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे राम नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक हैं। इस दिन भगवान राम की भी पूजा की जाती है, जो हिंदू धर्म के एक महत्वपूर्ण देवता हैं। नवमी तिथि के दिन हवन और पूजा के बाद कन्या पूजन किया जाता है, जिसमें 9 लड़कियों को भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं। इस दिन व्रत और उपवास रखने से भी देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
- महातारा जयंती - चैत्र शुक्ल नवमी तिथि के दिन महातारा जयन्ती मनायी जाती है। स्वतन्त्र तन्त्र में प्राप्त वर्णन के अनुसार, मेरु पर्वत के पश्चिम भाग में चोलना नदी अथवा चोलत सरोवर के तट पर देवी तारा का प्राकट्य हुआ था। देवी तारा भगवान शिव के तारकेश्वर रुद्रावतार की शक्ति हैं। देवी तारा महाविद्या की साधना सर्वप्रथम महर्षि वशिष्ठ जी ने की थी, जिसके कारण उन्हें वशिष्ठाराधिता भी कहा जाता है।
7 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहार
7 अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों के बारे में यहां पूरी जानकारी दी गई है:
चैत्र नवरात्रि के बाद पारण (व्रत का समापन) 7 अप्रैल को होता है