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जया एकादशी का दिन बहुत ही पावन माना जाता है। इस साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 08 फरवरी को मनाई जाएगी।
हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी महीने का पहला प्रदोष व्रत माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। यह तिथि शुरुआत 9 फरवरी 2025, रविवार के दिन पड़ेगी और इसी दिन व्रत करना फलदायी होगा।
साल 2025 के फरवरी माह में प्रदोष व्रत से लेकर महाशिवरात्रि जैसे बड़े पर्व हैं। इसलिए, यह महीना भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा के लिए बेहद शुभ है।
मासिक दुर्गा अष्टमी हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी साधक मां दुर्गा की पूरी श्रद्धा और लगन से व्रत करता है। मां उन सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
भारत को आध्यात्म और साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। वर्तमान में चल रहे महाकुंभ ने फिर से पूरे विश्व में यह बात पहुचाई है। नवरात्रि के अलावा यहां प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भी दुर्गाष्टमी मनाई जाती है।
सनातन हिंदू धर्म में, हर महीने मां दुर्गा के निमित्त मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा का व्रत करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।
मासिक कार्तिगाई हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने आने वाला एक पवित्र दिन है। यह चंद्र मास के कार्तिगाई नक्षत्र के दौरान मनाया जाता है। साल 2025 में फरवरी माह में भी मासिक कार्तिगाई का त्योहार मनाया जाएगा।
मासिक कार्तिगाई एक विशेष हिंदू त्योहार है। यह मुख्य रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। इस दिन दीप जलाने की परंपरा है। इस दिन खासकर घरों और मंदिरों में दीपक जलाया जाता है।
वेदों के रचयिता वेदव्यास जी ने महाभारत महाकाव्य की रचना की है। इस महाकाव्य में प्रमुख स्तंभ भीष्म पितामह को बताया गया है। हस्तिनापुर के राजा शांतनु का विवाह देवी गंगा से हुआ था।
हर साल माघ महीने में भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। इसे एकोदिष्ट श्राद्ध भी कहा जाता है। एकोदिष्ट श्राद्ध कोई भी व्यक्ति कर सकता है। एकोदिष्ट श्राद्ध करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।