नवीनतम लेख
सौभाग्य सुंदरी तीज उत्तर भारत में विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो पारंपरिक हिंदू कैलेंडर के मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष के तृतीया को मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में काल भैरव जयंती का विशेष महत्व है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार ये तिथि मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है और इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है।
धार्मिक मान्यता है मार्ग शीर्ष का माह भगवान श्री कृष्ण को अधिक प्रिय माना जाता है। यही वजह है कि इस दौरान तामसिक भोजन ना करने की सलाह भी धार्मिक ग्रंथो में दी जाती है।
श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है मासानां मार्गशीर्षोऽहम् यानी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस माह को धार्मिक ग्रंथों में पवित्र और फलदायी बताया गया है।
वृश्चिक संक्रांति पौराणिक कथाओं के अनुसार एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योंहार है। यह हिंदू संस्कृति में सौर दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान सूर्य जी की पूजा के लिए विशेष माना होता है। वृश्चिक संक्रांति के समय सूर्य उपासना के साथ ही मंगल ग्रह शांति एवं पूजा करने से मंगल ग्रह की कृपा होती है।
हर संक्रांति में भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे संक्रांति कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य भगवान की पूजा करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है
भगवान सूर्य देव की उपासना का दिन वृश्चिक संक्रांति हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहार में से एक है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को धन वैभव की प्राप्ति के साथ दुःखों से मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है इस साल वृश्चिक संक्रांति कब हैं। वृश्चिक संक्रांति 2824 को लेकर थोड़ा असमंजस है।
मार्गशीर्ष माह कब शुरू हो रहा है? ये श्रीकृष्ण की पूजा के लिए क्यों है खास? इस आलेख में जानें कार्तिक माह के बाद आने वाले मार्गशीर्ष के महत्व और लाभ।
मार्गशीर्ष माह भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित माना जाता है। इस माह कई बड़े व्रत त्योहार भी पड़ रहे हैं। ऐसे में इस आलेख में देखिए त्योहारों की पूरी लिस्ट डेट और इनका महत्व।