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सनातन हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए मासिक कृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही खास और पवित्र पर्व माना जाता है। यह दिन जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।
माघ मास की कृष्ण जन्माष्टमी, जो कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह इस साल 2025 में 21 जनवरी को पड़ रही है।
2025 में इस साल की पहली मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। भक्तों के लिए भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए यह एक उत्तम तिथि और अवसर मानी जाती है।
प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे विधि विधान से मनाया जाता है। इस दिन श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है।
सनातन हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि साल की पहली संकष्टी चतुर्थी लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानी जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान गणेश जी और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है।
सनातन हिन्दू धर्म में कालाष्टमी का काफी महत्व होता है। कालाष्टमी भगवान काल भैरव को समर्पित होता है। इस दिन काल भैरव के पूजन से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। ये पर्व हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
माघ माह की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन से होती है। इस महीने पड़ने वाली कालाष्टमी पर्व का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। इस दिन भगवान शिव के उग्र रूप, काल भैरव की पूजा होती है।
सनातन हिंदू धर्म में माघ महीने को अत्यंत पवित्र सौभाग्यशाली और भाग्य वर्धक माना जाता है। इस पवित्र महीने में धार्मिक कार्य, व्रत, दान एवं पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है।
हिंदू धर्म में सकट चौथ का व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान गणेश और सकट माता की पूजा-अर्चना की जाती है।
हिन्दू धर्म में सकट चौथ का एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान माना गया है। यह मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए करती हैं। इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा की होती है।