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प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और उनके निमित्त प्रदोष व्रत रखते हैं।
हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत पूर्ण रूप से भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु और माता एकादशी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।
इस वर्ष में मंगलवार, 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।
उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।
उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। उत्पन्ना एकादशी की उत्पत्ति का उल्लेख प्राचीन भविष्योत्तर पुराण में मिलता है, जहां भगवान विष्णु और युधिष्ठिर के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद में इसका वर्णन किया गया है।
उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है।
वैदिक पंचाग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में कृष्ण जन्माष्टमी आज यानी 22 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने और जीवन के दुखों को दूर करने का श्रेष्ठ अवसर है।
श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार हैं। इन्हें, केशव, कन्हैया, श्याम, गोपाल, द्वारकेश या द्वारकाधीश और वासुदेव इत्यादि नामों से भी जाना है। श्रीकृष्ण का जन्म द्वापरयुग में हुआ था। कृष्ण वासुदेव और देवकी की 8वीं संतान थे।