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लक्ष्मी जयंती को मां लक्ष्मी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस तिथि पर मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था।
रंग पंचमी भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है, जिसे होली के पांचवें दिन उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। यह केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व से भी जुड़ा हुआ है।
रंग पंचमी भारत का एक प्रमुख रंगीन त्योहार है, जो होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इसे भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की होली से जोड़कर देखा जाता है।
रंग पंचमी का पर्व हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी, और देवी-देवता भी होली खेलने के लिए पृथ्वी पर आए थे।
रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है। यह त्योहार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। भक्त वत्सल इस लेख के माध्यम से आपको बता रहे हैं कि कैसे इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने पहली बार होली खेली थी।
रंग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने की परंपरा है, जिसे देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है।
होली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे रंगों और खुशियों के साथ मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली के दिन किए गए कुछ उपाय आपके जीवन में सुख-समृद्धि, आर्थिक उन्नति और कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक हो सकते हैं?
मसान होली दो दिवसीय त्योहार माना जाता है। मसान होली चिता की राख और गुलाल से खेली जाती है। काशी के मणिकर्णिका घाट पर साधु-संत इकट्ठा होकर शिव भजन गाते हैं और नाच-गाकर जीवन-मरण का जश्न मनाते हैं और साथ ही श्मशान की राख को एक-दूसरे पर मलते हैं और हवा में उड़ाते हैं। इस दौरान पूरी काशी शिवमय हो जाती है और हर तरफ हर-हर महादेव का नाद सुनाई देता है।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों को बहुत ही अशुभ घटनाएँ माना जाता है। इनका असर न केवल देश-दुनिया पर, बल्कि राशिचक्र की सभी राशियों पर भी पड़ता है।
इस साल होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा। आपको बता दें कि होली के ठीक दो दिन बाद राहु और केतु अपना नक्षत्र बदलेंगे।