5000 साल से भी ज्यादा पुराना है दिल्ली का नीली छतरी मंदिर, युधिष्ठिर ने की थी स्थापना
दिल्ली के यमुना किनारे स्थित प्राचीन नीली छतरी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध भगवान शिव का यह मंदिर द्वापर युग से स्थापित है। नीली छतरी शिवालय को देश के प्राचीन और ऐतिहासिक शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को 5500 वर्ष पुराना बताया जाता है। मंदिर के नाम को लेकर अनोखी कहानी जुड़ी हुई है। यहां 5 लड्डुओं का भोग लगाने की विशेष परंपरा है। यह मंदिर यमुना नदी के किनारे सलीमगढ़ किले के पास स्थित है। महाभारत काल से ही यह मंदिर किले के गेट नंबर 2 या बहादुर शाही गेट के पास बना हुआ है। कहा जाता है कि इस मंदिर के छत पर पहले नीलम पत्थर जड़े हुए थे। जिसके कारण जब चांद की रोशनी पड़ती थी तब इससे नीले रंग का प्रकाश निकलता था।
मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का संबंध भगवान कृष्ण और पांडवों से माना जाता है। इस मंदिर में जो शिवलिंग है, उसकी स्थापना महाभारत युद्ध के दौरान युधिष्ठिर ने की थी। महाभारत युद्ध समाप्त होने बाद जब युधिष्ठिर राजा बने, तो उन्होंने चक्रवर्ती सम्राट बनने के लिए यहीं पर अश्वमेध यज्ञ किया था। नीली छतरी के मंदिर के बारे में एक और कथा काफी प्रचलित है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने आठवीं पत्नी यमुना से इसी मंदिर में भगवान शिव के सामने शादी की थी।
महाशिवरात्रि की विशेष पूजा
सावन का सोमवार हो या महाशिवरात्रि हर मौके पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां महाशिवरात्रि के अवसर पर चार प्रहर की विशेष पूजा होती है। जिसमें चार प्रकार की वस्तुओं से नीली छतरी वाले का अभिषेक किया जाता है। पहला अभिषेक दूध से, दूसरा घी से, तीसरा शहद से और चौथा गन्ने के रस से होता है। साथ ही श्रावण मास में श्रद्धालु हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल लेकर यहां आते है और सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।
मंदिर की विशेषता
दिल्ली के यमुना किनारे स्थित यह मंदिर नीली छतरी के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर के बारे में श्रद्धालुओं की मान्यता है कि भगवान शिव के दर्शन करने यहां पर जो भी भक्त आते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।अगर आप इस मंदिर में दर्शन करना चाहते हैं तो यहां प्रवेश के लिए कोई चार्ज नहीं देना होता है। इस मंदिर की खासियत है कि यहां पर 24 घंटे रुद्राभिषेक निरंतर चलता रहता है। लोग कई पीढ़ियों से आकर यहां भगवान शिव की पूजा अर्चना कर रहे हैं।
हर रोज यहां भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है।मान्यता है कि इस मंदिर में भोले बाबा को 5 लड्डुओं का भोग लगाने से सभी मनोकामना पूरी हो जाती हैं। अगर आपकी भी कोई मनोकामना है तो आप भी 5 लड्डू लेकर नीली छतरी वाले के मंदिर में जरूर जायें। यहां पर भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में पीने की पानी का व्यवस्था, जूते रखने के रैक, बैठने के लिए बेंच की भी व्यवस्था है।
ऐसे पहुंचे मंदिर
आप यहां मेट्रो से भी पहुंच सकते हैं। मंदिर दर्शन के लिए सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशनों के नाम हैं- चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन। इन स्टेशनों पर उतरकर आप मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
मंदिर का समय - ये मंदिर सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है।