दिल्ली के महार्षि वाल्मीकि मंदिर में महात्मा गांधी ने बिताए थे 214 दिन, आज भी रखें हैं उनकी चीजें
दिल्ली के मंदिर मार्ग पर स्थित महर्षि वाल्मीकि मंदिर एक ऐसी जगह है, जहां बापू ने अपनी जिंदगी के 214 दिन बिताए थे। यह वह समय था जब देश आज़ाद नहीं हुआ था। इस बात को 77 साल बीत चुके हैं। यहां बापू अप्रैल 1946 से जून 1947 के बीच 214 दिन रुके थे। बापू से जुड़ी यादों को आज भी इस मंदिर में बेहद संजो कर रखा गया है। यहां उनका चरखा, मेज, लकड़ी से बना कलम स्टैंड, आसन और बिस्तर वैसा ही है जैसा उन्होंने इसका इस्तेमाल किया था।
जब महात्मा गांधी इस मंदिर में रुके थे उस समय एक पत्रकार ने उनसे पूछा था कि आखिर उन्होंने वाल्मीकि मंदिर में ही रुकने का फैसला क्यों किया? इस पर बापू का जवाब था कि "वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। वाल्मीकि मंदिर में रुकने का निर्णय इसलिए क्योंकि वाल्मीकि जी द्वारा बताये गए मार्ग पर चल कर ही प्रभु राम पुरोषत्तम साबित हुए थे। इसलिए उन्हीं वाल्मीकि जी की शरण में रह कर आज़ादी के सपने को देखना चाहता हूँ। इसके साथ ही गांधी जी ने यह भी कहा था कि वह अपने जीवन के अंतिम समय को भी इसी मंदिर में बिताना चाहते हैं, ताकि यहां रहने वाले वाल्मीकि समुदाय के लोगों की पीड़ा और समस्या को समझ सकें। आज भी इस वाल्मीकि बस्ती में रहने वाले हर इंसान के जेहन में गांधी बस्ते हैं।
बापू के सामान को सहेज कर रखा गया है
महर्षि वाल्मीकि मंदिर में बाईं तरफ बापू का कमरा है। जिस कमरे में बापू रहते थे उसके बाहर बापू निवास लिखा हुआ है। कमरे के अंदर उनका आसन, मेज, चरखा, लकड़ी का कलम स्टैंड आज भी उसी तरह से मौजूद है। इसके अलावा गांधीजी की एक तस्वीर भी लगी हुई है और उनके बिस्तर को सफेद चादर से लपेट कर रखा गया है।
कहा जाता है कि गांधी जी जिस कमरे में रुके थे, उसमें वाल्मीकि समाज के साधु-संत रहा करते थे। इसके साथ यहां एक स्कूल भी चलता था, जिसे देखकर गांधीजी ने भी बच्चों को पढ़ाने की इच्छा जताई थी। भगवान वाल्मीकि मंदिर, वाल्मीकि समाज द्वारा निर्मित महर्षि वाल्मीकि को समर्पित मंदिर है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर यहीं से स्वच्छ भारत अभियान का आह्वान किया था।
ऐसे पहुंचे मंदिर
रामकृष्ण आश्रम मार्ग, ब्लू लाइन मेट्रो स्टेशन रामकृष्ण मिशन के पास है। रामकृष्ण आश्रम मार्ग मेट्रो स्टेशन भक्तों के लिए भगवान वाल्मीकि मंदिर के दर्शन के लिए अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
समय - सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे, शाम 4:00 बजे से रात 8:30 बजे