इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा अयोध्या का राम मंदिर, जानें इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें और खासियत
साल 2024 में जनवरी माह में अयोध्या में श्रीराम मंदिर का उद्घाटन और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह हुआ और यही कारण है कि रामलला का ये मंदिर वर्ष 2024 में सबसे अधिक चर्चा का विषय रहा। भक्तों के करीब 500 वर्षों के इंतजार के बाद भगवान राम अपने इस भव्य मंदिर में विराजमान हुए। कई वर्षों से इस मंदिर के बनने का इंतजार सभी को था और यह काम पूरा करना किसी चमत्कार से कम भी नहीं था। अयोध्या में भव्य राम मंदिर 70 एकड़ में फैला हुआ है, 2025 तक इसके पूरा बनने का अनुमान है। गर्भगृह में रामलला विराजमान हो चुके हैं। यहां उत्सव मूर्ति (पुरानी मूर्ति) और अचल मूर्ति (नई मूर्ति) को स्थापित किया गया है। राम मंदिर कैसा है, क्या है इसकी खासियत आइए जानते हैं राम मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
रामलला की स्थापना
जब नए मंदिर में प्रभु श्री राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी पर जब सूर्य की किरणें सीधे राम लला की मूर्ति के माथे पर केंद्रित हुई तो यह नजारा भी देखने लायक था, यह सूर्य तिलक लगभग 4-5 मिनट तक देखा गया और राम लला का यह सूर्य तिलक एक इतिहास बन गया है। इस तरह उत्तर प्रदेश के अयोध्या में अपराह्न 12 बजे भगवान श्री राम लला का 'सूर्य तिलक' संपन्न हुआ, और इसे 'सूर्य तिलक परियोजना' के तहत वैज्ञानिकों ने संभव बनाया। जो काफी चर्चा में रहा।
मंदिर की विशेषताएं
मंदिर का आकार
राम मंदिर को भारतीय परंपरागत नागर शैली में बनाया गया है। मंदिर की लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है।
मंदिर की मंजिल
मंदिर तीन मंजिला है, जिनमें से प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है। इसमें कुल 392 स्तंभ और 44 दरवाजे हैं।
मुख्य गर्भगृह
तीन मंजिला राम मंदिर में प्रथम तल पर श्याम वर्ण वाले श्रीराम की मूर्ति 5 साल के बालक स्वरूप में कमल पर विराजित है जिसकी लंबाई 8 फीट है। जबकि पहली मंजिल पर श्री राम दरबार होगा।
मंडप
मंदिर में पांच मंडप हैं - नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप।
देवी-देवताओं की मूर्तियां
स्तंभों और दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।
आरती
राम मंदिर में 7 बार आरती होती है। आरती में शामिल होने के लिए आपको राम जन्मभूमि ट्रस्ट से निशुल्क पास लेना होगा, इसके लिए आईडी प्रूफ लगेगा। पास के बिना आरती में शामिल नहीं हो सकते।
पांच गुम्बद वाला पहला मंदिर
अयोध्या का राम मंदिर पांच गुम्बद वाला दुनिया का अकेला राम मंदिर होगा।
सुरक्षा
अयोध्या का श्रीराम मंदिर 1000 साल तक सुरक्षित रहेगा। इसमें 8 तीव्रता वाला भूकंप झेलने की क्षमता है।
मंदिर की विशेष सुविधाएं
प्रवेश
मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से होता है, जिसमें 32 सीढ़ियों के माध्यम से सिंह द्वार से प्रवेश किया जा सकता है। विकलांगों और वृद्धों के लिए सुविधाएं: मंदिर में विकलांगों और वृद्धों के लिए रैंप और लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध है।
पार्कोटा
मंदिर के चारों ओर एक पार्कोटा (आयताकार परिसर दीवार) है, जिसकी लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट है।
अन्य मंदिर
मंदिर परिसर में चार अन्य मंदिर हैं - सूर्य देव, देवी भगवती, गणेश भगवान और भगवान शिव को समर्पित। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा का मंदिर और दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर है।
नि: शुल्क लॉकर
मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, वॉलेट, चार्जर, चाबी रामलला के दर्शन के लिए आप इन सामान को मंदिर में नहीं ले जा सकते। इसके लिए परिसर में लॉकर की निशुल्क सुविधा है।
मंदिर की अन्य विशेषताएं
लोहे का उपयोग नहीं
मंदिर में कहीं भी लोहे का उपयोग नहीं किया गया है।
नींव
मंदिर की नींव 14 मीटर मोटी रोलर-कंपैक्टेड कंक्रीट (आरसीसी) की परत से बनाई गई है, जो इसे कृत्रिम चट्टान की तरह दिखती है।
जल संरक्षण
मंदिर परिसर में एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्नि सुरक्षा के लिए पानी की आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है।
तीर्थयात्री सुविधा केंद्र
मंदिर परिसर में 25,000 लोगों की क्षमता वाला एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) बनाया जा रहा है, जो तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधा प्रदान करता है।