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खरमास में सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। इसी के साथ आप शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इस अवधि में बृहस्पति देव की आराधना भी कर सकते हैं। बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए खरमास में रोजाना श्री बृहस्पति देव चालीसा का पाठ करना चाहिए ताकि आप नकारात्मक परिणामों से बचे रह सकें। इसके अलावा शिव पुराण, और रामायण एवं गीता जैसे ग्रंथ भी पढ़े जा सकते हैं। तो आइए इस आलेख में खरमास के दौरान पढ़े जाने वाले ग्रंथो के बारे में विस्तार से जानते हैं।
खरमास में भागवत कथा का पाठ करना चाहिए। रोज अपने समय के हिसाब से ग्रंथ पाठ करें। कोशिश करें कि इस महीने में कम से कम एक ग्रंथ का पाठ पूरा हो जाए। ऐसे करने से धर्म लाभ के साथ ही सुखी जीवन जीने से सूत्र भी मिलते हैं। भागवत कथा सुनने से मन में शुद्धता आती है और मस्तिष्क, मन और हृदय निर्मल हो जाते हैं।
खरमास में बृहस्पति का पाठ करना काफी लाभदायक माना जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद साधक को मिलता है। ऐसे में आप खरमास के दौरान रोजाना स्नान आदि से निवृत होने के बाद ये पाठ कर सकते हैं। इससे आपको जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
रामायण का खरमास में पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कम होता है। और भगवान राम का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इसके अलावा, रामायण का खरमास में पाठ करने से व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय मिलती है। षड्यंत्र से रक्षा होती है।
खरमास में शिव पुराण का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव स्वयं भक्त के सभी संकटों को हर लेते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। खरमास में शिव पुराण का पाठ करने से आध्यात्मिक बल मिलता है और व्यक्ति में भक्ति का संचार होने लग जाता है।
खरमास में पूजा करते समय सूर्य देव के ॐ दीप्तमूर्तये नमः या ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः मंत्र का जप करें। इससे जीवन में आने वाले संकट दूर होंगे।
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