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चारधाम यात्रा 2025 बेस्ट रूट

Apr 29 2025

Char Dham Yatra Route 2025: इस रूट से करें चारधाम यात्रा, कम समय में चारों धाम के दर्शन कर पाएंगे


हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा एक अत्यंत पवित्र यात्रा मानी जाती है। हर साल लाखों श्रद्धालु इन पवित्र धामों के दर्शन करने उत्तराखंड की पहाड़ियों की ओर जाते हैं। अगर आप भी कम समय में चारों धाम के दर्शन करना चाहते हैं, तो नीचे लिखा हुआ रूट आपके लिए सही विकल्प होगा।  

हरिद्वार से शुरू होने वाला रूट माना जाता है चारधाम यात्रा के लिए शॉर्टकट 

हरिद्वार-ऋषिकेश से शुरू होकर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ होते हुए वापस ऋषिकेश-हरिद्वार लौटने वाला यह रूट चारधाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। आइए इस रूट के बारे में विस्तार से जानते हैं :  
  • चारधाम यात्रा की शुरुआत ऋषिकेश से होती है। पहला स्थल यमुनोत्री है, जो ऋषिकेश से लगभग 223 किलोमीटर दूर स्थित है। यमुनोत्री मां यमुना का जन्मस्थल है और यहां का यमुनोत्री मंदिर श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख आकर्षण माना जाता है।
  • यमुनोत्री के बाद अगला पड़ाव गंगोत्री है, जो उत्तरकाशी से लगभग 105 किलोमीटर दूर है। गंगोत्री मंदिर भागीरथी नदी के तट पर स्थित है और इसे मां गंगा का जन्मस्थल माना जाता है।
  • गंगोत्री के दर्शन के बाद केदारनाथ की ओर रुख किया जाता है। केदारनाथ धाम, ऋषिकेश से लगभग 223 किलोमीटर की दूरी पर है और भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां पहुँचने के लिए गौरीकुंड से लगभग 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
  • केदारनाथ के बाद यात्रा का अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ धाम है, जो जोशीमठ से लगभग 39 किलोमीटर दूर है। बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इसे चार धामों में सबसे प्रमुख माना जाता है।

चारधाम यात्रा के लिए वाहन के साधन

  • हरिद्वार और ऋषिकेश से चारों धामों के लिए अच्छी सड़क सुविधा उपलब्ध है, इसीलिए टैक्सी, बस या निजी वाहन से आसानी से यात्रा की जा सकती है।
  • समय बचाने के लिए देहरादून या अन्य बड़े शहरों से हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है, जिससे चारों धामों का दर्शन कम समय में किया जा सकता है। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।