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नए साल पर इस विधि से करें गणेश जी की पूजा

नए साल का पहला दिन बुधवार को पड़ रहा है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। नए साल के दिन गणेश जी की पूजा करने से आपके सभी उद्देश्य पूरे हो सकते हैं और एक सुखमय, समृद्ध और खुशहाल वर्ष की शुरुआत हो सकती है। 1 जनवरी 2025 को आरोग्य व्रत का शुभ अवसर बन रहा है।

नए साल के उपाय

साल का आखिरी महीना चल रहा है। नया साल बस शुरू होने वाला है। नए साल 2025 की शुरुआत इस बार बुधवार से होने जा रही है। नया साल यानी कि नई उम्मीद एक नई शुरुआत। सब की यही मंशा होती है कि नए साल उनके लिए समृद्धि का प्रतीक बने।

नए साल के पहले दिन करें ये 5 उपाय

नया साल बस शुरू होने वाला है। अगर आप नए साल में देवी-देवताओं की कृपा पाना चाहते हैं, तो आप साल के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त में बताए गए ये काम कर ले। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुबह-सुबह किए जाने वाले कार्यों का असर दिनभर की दिनचर्या पर भी पड़ता है।

ग्रह गोचर क्या होता है

ज्योतिष विज्ञान में “ग्रह गोचर” शब्द अक्सर सुनने को मिलता है। यहां गोचर का सीधा मतलब ग्रह की चाल से है। ग्रह का राशि परिवर्तन यानी एक राशि से दूसरी राशि में जाना ही गोचर कहलाता है।

पौष मास में कब-कब है एकादशी व्रत?

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत पापों से छुटकारा पाने और जीवन में सुखों की प्राप्ति के लिए किया जाता है। पौष माह में पड़ने वाली एकादशी व्रत तिथियां विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, जिनमें सफला एकादशी और पुत्रदा एकादशी शामिल हैं।

खरमास में ना करें ये काम

इस वर्ष सोमवार, 16 दिसंबर 2024 से खरमास का आरंभ हो चुका है। बता दें कि जब भी सूर्यदेव देव गुरु बृहस्पति की राशि राशि धनु या मीन में गोचर करते हैं तो खरमास का आरंभ होता है।

खरमास में ग्रंथों का पाठ

खरमास में सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। इसी के साथ आप शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इस अवधि में बृहस्पति देव की आराधना भी कर सकते हैं।

खरमास में वैवाहिक जोड़े कौन उपाय करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के दौरान शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन आदि नहीं किए जाते। खरमास पूजा-पाठ और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

खरमास में किसकी पूजा करें

हिंदू ज्योतिष शास्त्र में खरमास एक महत्वपूर्ण अवधि है। यह वह समय होता है जब सूर्य ग्रह गुरु की राशि धनु अथवा मीन में प्रवेश करते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दौरान ब्रह्मांड में एक विशेष ऊर्जा उत्पन्न होती है।