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विष्णुपद मंदिर, गया, बिहार (Vishnupad Temple, Gaya, Bihar)


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दर्शन समय

6:00 AM - 12:00 PM, 4:00 - 8:00 PM

विष्णुपद मंदिर का महत्व


गया विष्णुपद मंदिर हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यह स्थान बिहार के गया शहर में स्थित है। मंदिर का महत्व उसमें स्थित श्री विष्णुपद की पवित्र पादुकाओं से जुड़ा हुआ है। इसे श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है और विशेषतः हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए यहां पूजा और प्रार्थना करने की अत्यधिक मान्यता है। इस स्थान पर हिंदू धर्म के श्रद्धालु अपने पूर्वजों के आत्मा की मुक्ति के लिए श्राद्ध करने आते हैं। इसके अलावा गया विष्णुपद मंदिर को हिंदू धर्म के चार धामों में भी गिना जाता है।


गया के विष्णुपद मंदिर में श्रद्धालु अनेक जगहों से आते हैं। यहां पर आने वाले श्रद्धालु अक्सर भारत के विभिन्न कोनों से आते हैं। बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, बंगाल, ओडिशा से भी दर्शनार्थी आते हैं। साथ ही, विदेशों से भी श्रद्धालु यहां आते हैं।


विष्णुपद मंदिर की कथा:


प्राचीन समय की बात है, गयासुर नामक एक राक्षस ब्रह्मा जी से वर मांगता है। उसकी तपस्या और पूजा इतनी शक्तिशाली होती है कि ब्रह्मा जी खुद प्रकट होकर उससे पूछते हैं कि वह कौन सा वर चाहता है।


गयासुर ब्रह्मा जी से अमरत्व का वर मांगता है, लेकिन ब्रह्मा जी इस मांग को ठुकरा देते हैं, क्योंकि अमरत्व वह वर है जिसे किसी को भी देना ब्रह्मा जी की शक्तियों में सीमित कर देता है। फिर गयासुर ने मांगा कि जो भी उसके समीप आए और जिसका संपर्क हो, वह व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करे।
ब्रह्मा जी ने इस मांग को स्वीकार किया और गयासुर को वर दिया, लेकिन गयासुर ने इसे गलती से अमरत्व का समझ लिया। उसने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए भूमि पर अत्याचार करना शुरू कर दिया, क्योंकि वह मानता था कि अब कोई भी उसे हरा नहीं सकता है।


इस पर देवता चिंतित हो गए और उन्होंने भगवान विष्णु से मदद मांगी। भगवान विष्णु गयासुर को शांत करने के लिए उससे अपने अवतार के रूप में मिले।


गयासुर के समक्ष भगवान विष्णु ने ब्राह्मण रूप धारण किया और उससे एक छोटे से स्थान की मांग की, जिसमें वह यज्ञ कर सके। गयासुर ने अपने गर्व में इसे स्वीकार कर लिया और उसने भगवान को लिए यज्ञ करने की अनुमति दी।
इस समय, भगवान विष्णु ने अपना पैर गयासुर के सिर पर रखा, जिससे गयासुर भूमि में परिवर्तित हो गया। गयासुर ने इस परिस्थिति को समझा और उसने अपनी गलतफहमी को छोड़कर भगवान से क्षमा मांगी।


भगवान विष्णु ने उसकी विनम्रता को देखकर उसे एक और वर दिया, जिससे गयासुर के शरीर पर बसे शहर को पवित्र स्थान बनाने का अधिकार मिला। इस प्रकार, गयासुर के शरीर पर बसा गया नामक शहर बन गया, जो विशेषकर पितृ तर्पण और पिण्डदान के लिए महत्वपूर्ण है।
तो ये थी गयासुर की कथा और इसलिए लोग गया में आकर पितृ तर्पण और पिण्डदान करने के लिए यात्रा करते हैं, जिससे उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिले और वे मोक्ष प्राप्त करें।


विष्णुपद मंदिर में पूजा की विधि :


1. पहले श्रद्धालु अपने पैर धोकर मंदिर के प्रांगण में आते हैं।


2. फिर वे मंदिर के अंदर जाकर भगवान विष्णु की पदुकाओं की पूजा करते हैं।


3. पूजा के दौरान मंदिर के पुजारी श्रद्धालुओं को विष्णुपद की कथाएं सुनाते हैं और मंत्र जप करते हैं।


4. जिसके बाद श्रद्धालुओं को पूजा करके का अवसर मिलता है और वे फूल, धूप और प्रसाद को मंदिर में अर्पित करते हैं।


5.पूजा के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर निकलने की अनुमति दी जाती है।


6.विष्णुपद मंदिर में पूजा और ध्यान का महत्वपूर्ण स्थान है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति और संतोष का अनुभव होता है।


बिहार के गया विष्णुपद मंदिर पहुँचने के लिए परिवहन सुविधाएं


भारत के दूसरे शहरों से गया आने के लिए कई प्रकार की परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां कुछ प्रमुख परिवहन विकल्पों के बारे में जानकारी दी गई है:


रेल मार्ग: गया को भारत के मुख्य शहरों से रेल द्वारा भी आसानी से जोड़ा जा गया है। गया जंक्शन एक प्रमुख रेल स्टेशन है, जहां से दैनिक कई ट्रेन देश के बड़े और छोटे शहरों की ओर जाती हैं। इससे आपको सीधे गया तक पहुँच सकते हैं।


हवाई मार्ग: गया शहर में के पास एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई एयरपोर्ट है, जिससे आप देश के विभिन्न भागों से सीधे हवाई मार्ग से जुड़ सकते हैं। इससे आपको तेजी से और आराम से गया तक पहुँच सकते हैं।


सड़क मार्ग: सड़क मार्ग भी गया पहुंचने का एक प्रमुख विकल्प है। बिहार के अन्य शहरों से गया तक बस या अपने निजी वाहन से आसानी से पहुंचा जा सकता है। अंतर्राज्यीय अंतर्राष्ट्रीय बस सेवाएँ गया से जुड़ी हुई हैं।


सबसे सुगम मार्ग हवाई मार्ग होता है, खासकर यदि आप किसी अन्य शहर से आ रहे हैं। हवाई मार्ग से आप सीधे बोधगया हवाई अड्डे तक पहुंच सकते हैं, जो गया में ही स्थित है। इसके अलावा रेल मार्ग भी सुविधाजनक है, लेकिन यह हवाई मार्ग की तुलना में कुछ ज्यादा समय ले सकता है।
गया, बिहार में विष्णुपद मंदिर के आस-पास रुकने के लिए कुछ होटल और गेस्ट हाउस की सूची निम्नलिखित है:


विष्णुपद मंदिर, गया में ठहरने के लिए कुछ अच्छे होटल और गेस्ट हाउस की विस्तृत सूची:


होटल विष्णुपद - गया


विष्णुपद गेस्ट हाउस - गया


श्री विष्णुपद गेस्ट हाउस - गया


होटल श्री हरि - गया


श्री विष्णुपद इंटरनेशनल गेस्ट हाउस - गया


होटल विष्णुपद पालेस - गया


विष्णुपद धाम गेस्ट हाउस - गया


होटल विष्णुपद गेटवे - गया


विष्णुपद इन - गया


विष्णुपद आश्रम गेस्ट हाउस - गया


ये सभी होटल और गेस्ट हाउस आपको मंदिर के निकट ठहरने की सुविधा प्रदान कर सकते हैं और आपको अपने यात्रा के समय आरामदायक अनुभव प्रदान कर सकते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।