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यदि नाथ का नाम दयानिधि है (Yadi Nath Ka Naam Dayanidhi Hai)

यदि नाथ का नाम दयानिधि है,

तो दया भी करेंगे कभी ना कभी,

दुखहारी हरी, दुखिया जन के,

दुख क्लेश हरेगें कभी ना कभी ॥


जिस अंग की शोभा सुहावनी है,

जिस श्यामल रंग में मोहनी है,

उस रूप सुधा से स्नेहियों के,

दृग प्याले भरेगें कभी ना कभी ॥


जहां गिद्ध निषाद का आदर है,

जहाँ व्याध अजामिल का घर है,

वही भेष बनाके उसी घर में,

हम जा ठहरेगें कभी ना कभी ॥


करुणानिधि नाम सुनाया जिन्हें,

कर्णामृत पान कराया जिन्हें,

सरकार अदालत में ये गवाह,

सभी गुजरेगें कभी ना कभी ॥


हम द्वार में आपके आके पड़े,

मुद्दत से इसी है जिद पर अड़े,

भव-सिंधु तरे जो बड़े से बड़े,

तो ये ‘बिन्दु’ तरेगें कभी ना कभी ॥


यदि नाथ का नाम दयानिधि है,

तो दया भी करेंगे कभी ना कभी,

दुखहारी हरी, दुखिया जन के,

दुख क्लेश हरेगें कभी ना कभी ॥

जिसको राम नाम रटना पसन्द है (Jisko Ram Naam Ratna Pasand Hai)

जिसको राम नाम रटना पसन्द है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥

कृष्ण घर नन्द के जन्मे, सितारा हो तो ऐसा हो (Krishna Ghar Nand Ke Janme Sitara Ho To Aisa Ho)

कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,

वह शक्ति हमें दो दया निधे (Wah Shakti Hamain Do Daya Nidhe)

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्त्तव्य मार्ग पर डट जावें।

मां नर्मदा की पूजा-विधि

प्रतिवर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती मनाने का विधान है। इस दिन मां नर्मदा की विशेष रूप से यह जयंती मनाई जाती है।

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