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Vrindavan Me Hukum Chale Barsane Wali Ka (वृन्दावन में हुकुम चले, बरसाने वाली का)

वृन्दावन में हुकुम चले,

बरसाने वाली का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥


वहां डाली डाली पर,

वहां पत्ते पत्ते पर,

राज राधे का चलता,

गांव के हर रस्ते पर,

चारो तरफ़ डंका बजता,

वृषभानु दुलारी का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥


कोई नन्दलाल कहता,

कोई गोपाल कहता,

कोई कहता कन्हैया,

कोई बन्शी का बजैया,

नाम बदलकर रख डाला,

उस कृष्ण मुरारी का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥


सबको कहते देखा,

बड़ी सरकार है राधे,

लगेगा पार भव से,

कहो एक बार राधे,

बड़ा गजब का रुतबा है,

उसकी सरकारी का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥


तमाशा एक देखा,

जरा ‘बनवारी’ सुनले,

राधा से मिलने खातिर,

कन्हैया भेष है बदले,

कभी तो चूड़ी वाले का,

और कभी पुजारी का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥


​वृन्दावन में हुकुम चले,

बरसाने वाली का,

कान्हा भी दिवाना है,

श्री राधे रानी का ॥

हम सब बोलेंगें हैप्पी बर्थ डे टू यू श्याम (Hum Sab Bolenge Happy Birthday To You Shyam)

रंगी गुब्बारो से मंडप सजाया है,
मिशरी मावे का एक केक मंगाया है,

सामने आओगे या आज भी (Samne Aaoge Ya Aaj Bhi)

सामने आओगे या आज भी परदा होगा,
सामने आओंगे या आज भी परदा होगा,

ओ सांवरे दाता मेरे, तेरा शुक्रिया है (O Sanware Data Mere Tera Shukriya Hai)

मुझे जो भी कुछ मिला है,
तुमने ही सब दिया है,

अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम् (Ath Tantroktam Ratri Suktam)

तन्त्रोक्तम् रात्रि सूक्तम् यानी तंत्र से युक्त रात्रि सूक्त का पाठ कवच, अर्गला, कीलक और वेदोक्त रात्रि सूक्त के बाद किया जाता है।

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