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ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे, मैया जी का बसेरा है (Unche Unche Pahado Pe Maiya Ji Ka Basera Hai)

ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है,

निचे हम रहते,

ऊपर मैया जी का डेरा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

अँधा पुकार रहा,

अंधे को आँखे दो,

उसे तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

कोढ़ी पुकार रहा,

कोढ़ी को काया दो,

उसे तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

निर्धन पुकार रहा,

निर्धन को माया दो,

उसे तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

बांझन पुकार रही,

बांझन को संतान दो,

उसे तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

कन्या पुकार रही,

कन्या को वर घर दो,

उसे तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


मैया जी के द्वारे पे,

भगत पुकार रहे,

भक्तो को दर्शन दो,

उन्हें तेरा ही सहारा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥


ऊँचे ऊँचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है,

निचे हम रहते,

ऊपर मैया जी का डेरा है,

ऊंचे ऊंचे पहाड़ो पे,

मैया जी का बसेरा है ॥

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे (Sherawali Ke Darbar Mein Rang Barse)

रंग बरसे देखो रंग बरसे,
रंग बरसे देखो रंग बरसे,

पापमोचनी एकादशी व्रत के नियम

पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है, और मोक्ष की प्राप्ति करता है।

कुंभ संक्रांति पूजा-विधि और नियम

जिस तरह सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश से मकर संक्रांति मनाई जाती है। उसी तरह जिस दिन सूर्यदेव कुंभ राशि में प्रवेश कर सकते हैं, वह दिन कुंभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

ऐसा है सेवक श्री राम का (Aisa Hai Sewak Shree Ram Ka)

सेवा में गुजरे,
वक्त हनुमान का,

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