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उड़ उड़ जा रे पंछी (Ud Ud Ja Re Panchhi )

उड़ उड़ जा रे पंछी,

मैया से कहियो रे,

कहियो तेरा लाल,

कहियो तेरा लाल,

कहियो तेरा लाल,

तेरी याद करे,

उड़ उड़ जा रे पँछी,

मैया से कहियो रे,

उड़ उड़ जा रे पँछी ॥


ऊँचे पर्वतो पे देखो,

मैया जी विराजी है,

वैष्णो देवी कहके,

दुनिया बुलाती है,

शेरावाली कह के सारी,

दुनिया बुलाती है,

मेरे मन की बातें सारी,

मेरे मन की बातें,

मेरे मन की बातें सारी,

मैया से कहियो रे,

उड़ उड़ जा रे पँछी,

मैया से कहियो रे,

उड़ उड़ जा रे पँछी ॥


माँ का भवन जब तेरे,

नज़दीक आएगा,

माँ से मिलन का आनंद,

बढ़ता ही जायेगा,

मैया जी के पास मेरी,

मैया जी के पास,

मैया जी के पास मेरी,

अर्ज़ी लगइयो रे,

उड़ उड़ जा रे पँछी,

मैया से कहियो रे,

उड़ उड़ जा रे पँछी ॥


दर्शन माँ का जब,

नैन तेरे पाएंगे,

एक साथ कई जन्मों के,

पाप धूल जायेंगे,

मैया के चरण में ‘गोपी’,

मैया के चरण में,

मैया के चरण में ‘गोपी’,

लोट लोट जइयो रे,

उड़ उड़ जा रे पँछी,

मैया से कहियो रे,

उड़ उड़ जा रे पँछी ॥


उड़ उड़ जा रे पंछी,

मैया से कहियो रे,

कहियो तेरा लाल,

कहियो तेरा लाल,

कहियो तेरा लाल,

तेरी याद करे,

उड़ उड़ जा रे पँछी,

मैया से कहियो रे,

उड़ उड़ जा रे पँछी ॥

श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम्

शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

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नंदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे ॥

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