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तुम से लागी लगन.. पारस प्यारा (Tumse Lagi Lagan Le Lo Apni Sharan Paras Pyara)

तुम से लागी लगन,

ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,

मेटो मेटो जी संकट हमारा ।

निशदिन तुमको जपूँ,

पर से नेह तजूँ, जीवन सारा,

तेरे चरणों में बीत हमारा ॥टेक॥


अश्वसेन के राजदुलारे,

वामा देवी के सुत प्राण प्यारे।

सबसे नेह तोड़ा,

जग से मुँह को मोड़ा,

संयम धारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


इंद्र और धरणेन्द्र भी आए,

देवी पद्मावती मंगल गाए ।

आशा पूरो सदा,

दुःख नहीं पावे कदा,

सेवक थारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


जग के दुःख की तो परवाह नहीं है,

स्वर्ग सुख की भी चाह नहीं है।

मेटो जामन मरण,

होवे ऐसा यतन,

पारस प्यारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊँ,

जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊँ ।

‘पंकज’ व्याकुल भया,

दर्शन बिन ये जिया लागे खारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


तुम से लागी लगन,

ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,

मेटो मेटो जी संकट हमारा ।

महाशिवरात्रि पर बेलपत्र चढ़ाने के नियम

महाशिवरात्रि, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर, प्रत्येक हिंदू घर में उत्साह और श्रद्धा का वातावरण होता है। शिव भक्त इस दिन विशेष रूप से व्रत रखते हैं और चारों पहर में भगवान शिव की आराधना करते हैं।

महाशिवरात्रि 2025 कब है

सनातन हिंदू धर्म में, महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह फरवरी या मार्च महीने में आती है।

तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ के अब तेरा साथ नहीं छूटे (Tune Sir Pe Dhara Jo Mere Hath Ke Ab Tera Sath Nahi Chute)

तूने सिर पे धरा जो मेरे हाथ,
के अब तेरा साथ नहीं छूटे,

अंजनी के लाला पे, भरोसा जो होगा (Anjani Ke Lala Pe Bharosa Jo Hoga)

अंजनी के लाला पे,
भरोसा जो होगा,

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