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तुम राम के पुजारी, हो बाल ब्रम्हचारी(Tum Ram Ke Pujari Ho Bal Brahmachari)

तुम राम के पुजारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


बाल समय रवि को मुख रखा,

जग में हुआ अँधियारा,

राम दास को ग्रसित किया है,

इंद्र ने वज्र से मारा,

हो गए पवन दुखारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


आप अगर ना होते सहायक,

राम ना नायक होते,

आप कृपा ना करते हे स्वामी,

हम भी ना गायक होते,

पूजे ये दुनिया सारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


तुम राम के पुजारी,

हो बाल ब्रम्हचारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी,

विनती सुनो हमारी,

बजरंग गदाधारी ॥


प्रदोष व्रत की कथा (Pradosh Vrat Ki Katha )

प्राचीनकाल में एक गरीब पुजारी हुआ करता था। उस पुजारी की मृत्यु के बाद उसकी विधवा पत्नी अपने भरण-पोषण के लिए पुत्र को साथ लेकर भीख मांगती हुई शाम तक घर वापस आती थी।

मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा(Man Mera Mandir Shiv Meri Pooja)

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
सत्य है ईश्वर,

माँ की लाल रे चुनरिया, देखो लहर लहर लहराए(Maa Ki Laal Re Chunariya Dekho Lahar Lahar Lehraye)

माँ की लाल रे चुनरिया,
देखो लहर लहर लहराए,

बाँधु जिसपे राखी, वो कलाई चाहिए (Bandhu jispe Rakhi wo Kalai chahiye)

बाँधु जिसपे राखी,
वो कलाई चाहिए,

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