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तुझसा दयालु नहीं प्यारे - भजन (Tujh Sa Dayalu Nahi Pyare)

तुझसा दयालु नहीं प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे ॥


श्रुति कहे जगत पिता है तू ही प्यारे,

बन्यो यशोमति सूत प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे,

तुझसा दयालु नही प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे ॥


अंगूठा छाप सखन को प्यारे,

बन गयो घोड़ा प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे,

तुझसा दयालु नही प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे ॥


गोपिन ने तू छाछ पर प्यारे,

नाचे थई थई प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे,

तुझसा दयालु नही प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे ॥


तुम कृपालु प्रेमिन वश प्यारे,

अब हूँ जान्यो प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे,

तुझसा दयालु नही प्यारे,

प्यारे प्यारे प्यारे ॥

थाईपुसम त्योहार कब है

थाईपुसम त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। भक्तजन जीवन की बाधाओं को पार करने के लिए मार्गदर्शन पाने के लिए मुरुगन से प्रार्थना करते हैं।

अहोई अष्टमी का महत्व और मुहूर्त

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। यह व्रत माताओं के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन माताएं अपने पुत्रों की कुशलता और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए निर्जला व्रत करती हैं।

श्री हरि स्तोत्रम् (Sri Hari Stotram)

जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालंशरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं

रामजी की सेना चली (Ram Ji Ki Sena Chali)

हर हर महादेव, हर हर महादेव,
जय भवानी, जय भवानी,