नवीनतम लेख

तू साँची है भवानी माँ, तेरा दरबार साँचा है: भजन (Tu Sanchi Hai Bhawani Maa Tera Darbar Sancha Hai)

तू साँची है भवानी माँ,

तेरा दरबार साँचा है,

टिका जिसपे जगत सारा,

तेरा माँ प्यार साँचा है ॥


तेरे मंदिर में जो आते,

कभी खाली नही जाते,

मुरादे मन की वो पाते,

तेरा उपकार साँचा है,

तू सांची है भवानी माँ,

तेरा दरबार साँचा है ॥


तेरी मैं राह निहारु माँ,

सभी कुछ तुझपे वारु माँ,

ये जीवन मैं सवारुँ माँ,

तेरा उजियार साँचा है,

तू सांची है भवानी माँ,

तेरा दरबार साँचा है ॥


अटल विश्वास नैनो में,

दरश की प्यास नैनो में,

है यही आस नैनो में,

माँ तेरा आधार साँचा है,

तू सांची है भवानी माँ,

तेरा दरबार साँचा है ॥


भाग्य सोया जगादो माँ,

भजन में भी लगा दो माँ,

कष्ट भूलन भगादो माँ,

तेरा प्रचार साँचा है,

तू सांची है भवानी माँ,

तेरा दरबार साँचा है ॥


तू साँची है भवानी माँ,

तेरा दरबार साँचा है,

टिका जिसपे जगत सारा,

तेरा माँ प्यार साँचा है ॥

सोमवती अमावस्या व्रत से बदलेगी किस्मत

सनातन हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि काफ़ी महत्वपूर्ण माना जाता है। अमावस्या तिथि कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन होती है और इस दिन आकाश में चांद दिखाई नहीं देता है। प्रत्येक साल कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं।

कन्हैया ने जब पहली बार बजाई मुरली, सारी सृष्टि में आनंद की लहर दौड़ी

मुरलीधर, मुरली बजैया, बंसीधर, बंसी बजैया, बंसीवाला भगवान श्रीकृष्ण को इन नामों से भी जाना जाता है। इन नामों के होने की वजह है कि भगवान को बंसी यानी मुरली बहुत प्रिय है। श्रीकृष्ण मुरली बजाते भी उतना ही शानदार हैं।

गोवर्धन पूजन कथा (Govardhan Pujan Katha)

द्वापर युग की बात हैं भगवान कृष्ण के अवतार के समय भगवान ने गोवर्धन पर्वत का उद्धार और इंद्र के अभिमान का नाश भी किया था।

कब मनाई जाएगी धनु संक्रांति

सनातन धर्म में भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि जिसकी राशि में भगवान सूर्य शुभ होते हैं, उसका सोया हुआ भाग्य भी जाग उठता है।