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तू प्यार का सागर है: भजन (Tu Pyar Ka Sagar Hai)

तू प्यार का सागर है,

तेरी एक बूँद के प्यासे हम ।

लौटा जो दिया तूने,

चले जायेंगे जहां से हम ।

तू प्यार का सागर है..॥


घायल मन का पागल पंछी,

उड़ने को बेकरार ।

पंख हैं कोमल, आँख है धुंदली,

जाना है सागर पार ।

अब तू ही इसे समझा,

राह भूले थे कहाँ से हम ।

तू प्यार का सागर है..॥


इधर झूम के गाए जिन्दगी,

उधर है मौत खड़ी ।

कोई क्या जाने कहाँ है सीमा,

उलझन आन पड़ी ।

कानों में ज़रा कह दे,

कि आएं कौन दिशा से हम ।

तू प्यार का सागर है..॥


तू प्यार का सागर है,

तेरी एक बूँद के प्यासे हम ।

लौटा जो दिया तूने,

चले जायेंगे जहां से हम ।

तू प्यार का सागर है..॥

जय जय शिव ओंकारा, हर हर शिव ओंकारा (Jay Jay Shiv Omkara Har Har Shiv Omkara)

ओम जय शिव ओंकारा,
हर हर शिव ओंकारा,

शुक्रवार व्रत कथा और महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सप्ताह के सातों दिनों में से शुक्रवार का दिन माता संतोषी को समर्पित माना जाता है। शुक्रवार के दिन मां संतोषी का व्रत उनकी व्रत कथा के बिना अधूरा माना जाता है।

मासिक शिवरात्रि कब है?

हिंदू धर्म में चतुर्दशी तिथि का विशेष महत्व है। मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव के प्रति भक्ति और आस्था का प्रतीक है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को (Suraj Ki Garmi Se Jalte Hue Tan Ko)

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया,
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया। मेरे राम ॥