नवीनतम लेख

तृष्णा ना जाए मन से - भजन (Trishna Na Jaye Man Se)

तृष्णा ना जाये मन से ॥


दोहा – मथुरा वृन्दावन सघन,

और यमुना के तीर,

धन्य धन्य माटी सुघर,

धन्य कालिंदी नीर ॥

कृष्णा बोलो कृष्णा,

हरे कृष्णा राधे कृष्णा ॥


तृष्णा ना जाये मन से,

कृष्णा ना आये मन में,

जतन करूँ मैं हजार,

कैसे लगेगी नैया पार,

घनश्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥


इक पल माया साथ ना छोड़े,

जिधर जिधर चाहे मुझे मोड़े,

हरी भक्ति से हरी पूजन से,

मेरा रिश्ता नाता तोड़े,

माया ना जाये मन से,

भक्ति ना आये मन में,

जीवन ना जाये बेकार,

कैसे लगेगी नैया पार,

मेरे श्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥


क्षमा करो मेरे गिरिवर धारी,

चंचलता मन की लाचारी,

लगन जगा दो मन में स्वामी,

तुम हो प्रभु जी अंतर्यामी,

मन ना बने अनुरागी,

भावना बने ना त्यागी,

दया करो करतार,

कैसे लगेगी नैया पार,

घनश्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥


तृष्णा ना जाए मन से,

कृष्णा ना आये मन में,

जतन करूँ मैं हजार,

कैसे लगेगी नैया पार,

घनश्याम जी,

कैसे लगेगी नैया पार ॥

आ दरश दिखा दे मेरी माँ (Aa Darsh Dikha De Meri Maa)

आ दरश दिखा दे मेरी माँ,
तुझे तेरे लाल बुलाते है,

चलती है सारी श्रष्टी, महाकाल के दर से (Chalti Hai Saari Srishti Mahakal Ke Dar Se)

चलती है सारी श्रष्टी,
महाकाल के दर से ॥

हरियाली तीज (Hariyali Teej)

हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।

ओ रामजी तेरे भजन ने, बड़ा सुख दीना (O Ram Ji Tere Bhajan Ne Bada Sukh Dina)

ओ रामजी तेरे भजन ने,
बड़ा सुख दीना,