नवीनतम लेख

तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम(Teri Murli Ki Main Huun Gulaam Mere Albele Shyam)

तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम ।

अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम ॥


घर बार छोड़ा सब तेरी लगन में,

बाँवरी भई डोलूं ब्रिज की गलिन में ।

मेरे स्वांसो की माला तेरे नाम, मेरे अलबेले श्याम ॥


सांवरे सलोने यही विनती हमारी,

करदो कृपा मैं हूँ दासी तुम्हारी ।

तेरी सेवा करूँ आठों याम, मेरे अलबेले श्याम ॥


जब से लड़ी निगोड़ी तेरे संग अखियाँ,

चैन नहीं, दिन मैं काटूं रो रो के रतियाँ ।

तूने कैसा दिया यह इनाम, मेरे अलबेले श्याम ॥


आऊँगी मिलन को तुमसे कर के बहाने,

सांस रूठे, जेठानी मारे सो सो ताने ।

हूँ घर घर में मैं तो बदनाम, मेरे अलबेले श्याम ॥


तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम ।

अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम ॥

बुधवार व्रत की प्रामाणिक-पौराणिक कथा (Budhvaar Vrat Ki Praamaanik-Pauraanik Katha)

समतापुर नगर में मधुसूदन नामक एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत धनवान था। मधुसूदन का विवाह बलरामपुर नगर की सुंदर लड़की संगीता से हुआ था।

प्रभु सोच लो जग तुम्हे क्या कहेगा (Prabhu Soch Lo Jag Tumhe Kya Kahega)

प्रभु सोच लो जग तुम्हे क्या कहेगा,
अगर तेरा प्रेमी दुखड़े सहेगा,

रसिया को नार बनावो री रसिया को(Rasiya Ko Naar Banavo Ri Rasiya Korasiya Ko)

बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे
होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी

त्रिपुर भैरवी जयंती पर कौन सा पाठ करें?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल त्रिपुर भैरवी जयंती 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह दिन मां काली को समर्पित है, जो शक्ति और सामर्थ्य की प्रतीक हैं। मां काली की पूजा शास्त्रों में बहुत ही फलदायी मानी गई है।

यह भी जाने