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तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार(Teri Mand Mand Mushakniya Pe Balihar)

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ।

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ।

तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ॥


तेरे बाल बड़े घुंगराले,

बादल जो कारे कारे ।

तेरी मोर मुकट लटकनिया पे,

बलिहार संवारे जू ।


तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ॥


तेरी चाल अजब मतवाली,

लगती है प्यारी-प्यारी ।

तेरी पायल की झंकार पे,

बलिहार संवारे जू ।


तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ॥


तेरे संग में राधा प्यारी,

लगती है सबसे नियारी ।

इस युगल छवि पे मे जाऊ,

बलिहार संवारे जू ।


तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ॥


तेरे नयन बड़े मतवारे,

मटके है कारे कारे ।

तेरी तिरछी सी चितवनिया पे,

बलिहार संवारे जू ।


तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,

बलिहार संवारे जू ॥

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन(Manmohan Kanha Vinti Karu Din Rain)

मनमोहन कान्हा विनती करू दिन रेन,
राह तके मेरे नैन, राह तके मेरे नैन,

श्री महालक्ष्मी व्रत कथा

(यह व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को आरम्भ करके आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को समापन किया जाता है।)

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम - शब्द कीर्तन (Swasa Di Mala Nal Simaran Main Tera Nam)

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,
तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम,

इष्टि पौराणिक कथा और महत्व

इष्टि, वैदिक काल का एक विशेष प्रकार का यज्ञ है। जो इच्छाओं की पूर्ति और जीवन में शांति लाने के उद्देश्य से किया जाता है। संस्कृत में 'इष्टि' का अर्थ 'यज्ञ' होता है। इसे हवन की तरह ही आयोजित किया जाता है।

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