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तेरी जय हों जय हों, जय गोरी लाल(Teri Jay Ho Jay Ho Jay Gauri Lal)

तेरी जय हो जय हो,

जय गोरी लाल ॥


        दोहा 

हे जग दाता विश्व विधाता,

हे गणपति जी महाराज,

हे शिव सूत गौरी के लाला,

मेरे पूरण करियो काज ॥


तेरी जय हो जय हो,

जय गोरी लाल,

पूजू तेरा नाम,

करो सबको निहाल,

तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल ॥


पान फूल चढ़े चढ़ता है मेवा,

सारा जगत तेरी करता है सेवा,

भोग लगाऊं,

लेकर लड्डुओं का थाल,

तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल ॥


गणपत मेरे काज सवारो,

भरी सभा में आन पधारो,

भक्तों को कर देता तू मालामाल,

तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल ॥


राजू भी हरिपुरिया आए,

शुभम तिलकधारी गुण गाये,

सारे ही देता है संकट तू टाल,

तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल ॥


तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल,

पूजू तेरा नाम,

करो सबको निहाल,

तेरी जय हों जय हों,

जय गोरी लाल ॥

राम आ गए, धन्य भाग्य शबरी हर्षाए(Ram Aa Gaye Dhanya Bhagya Sabari Harshaye)

राम आ गए,
धन्य भाग्य शबरी हर्षाए ॥

कब है भीष्म द्वादशी

महाभारत में अर्जुन ने भीष्म पितामह को बाणों की शैय्या पर लिटा दिया था। उस समय सूर्य दक्षिणायन था। इसलिए, भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया और माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन अपने प्राण त्यागे।

ललिता जयंती की पूजा विधि

ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ललिता माता आदिशक्ति त्रिपुर सुंदरी, जगत जननी मानी जाती हैं।

जय हो बाबा विश्वनाथ (Jay Ho Baba Vishwanath)

जय हो बाबा विश्वनाथ,
जय हो भोले शंकर,

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