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तेरी अंखिया हैं जादू भरी: भजन (Teri Akhiya Hai Jadu Bhari)

तेरी अंखिया हैं जादू भरी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


सुनलो मेरे श्याम सलोना,

तुमने ही मुझ पर,

कर दिया टोना,

मेरी अंखियाँ तुम्ही से लड़ी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


तेरी अंखिया हैं जादू भरी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


तुम सा ठाकुर और ना पाया,

तुमसे ही मैंने नेह लगाया,

मैं तो तेरे ही द्वार पड़ी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


तेरी अंखिया हैं जादू भरी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


कृपा करो हरिदास के स्वामी,

बांके बिहारी अन्तर्यामी,

मेरी टूटे ना तुमसे लड़ी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


तेरी अंखिया हैं जादू भरी,

बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥

खोलो समाधी भोले शंकर, मुझे दरश दिखाओ(Kholo Samadhi Bhole Shankar Mujhe Darsh Dikhao)

खोलो समाधी भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ,

तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो (Prayer Tumhi Ho Mata Pita Tumhi Ho )

तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।
तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥

छठ पूजा विधि

छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में इसका विशेष महत्व है।

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।