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तेरे द्वार पे आने वालो ने, क्या अजब नज़ारा देखा है (Tere Dawar Pe Aane Walon Ne Kya Ajab Nazara Dekha Hai)

तेरे द्वार पे आने वालो ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है,

हर और निराले जलवे हैं,

जहाँ भवन तुम्हारा देखा है,

तेरे द्वार पे आने वालों ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है ॥


पत्थर को चीर चट्टानों से,

क्या सुन्दर गुफा बनाई है,

चरणों से निकली गंगधारा,

ये कैसी लीला रचाई है,

हर डाल डाल हर पत्ते में,

माँ नूर तुम्हारा देखा है,

तेरे द्वार पे आने वालों ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है ॥


दरबार में ध्यानु ने आकर,

सर काट के अपना चढ़ाया था,

माँ शक्ति आद्य भवानी ने,

फिर चमत्कार दिखलाया था,

ध्यानु के सर को जोड़ दिया,

उपकार तुम्हारा देखा है,

तेरे द्वार पे आने वालों ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है ॥


‘बलवीर’ कहे सुन जगदम्बे,

क्यों दर से मुझे भुलाया है,

‘आयोजिका’ कहे सुन जगदम्बे,

क्यों दर से मुझे भुलाया है,

एक बार करम अपना कर दो,

माँ दास तुम्हारा आया है,

मैं कैसे सबर करूँ दिल में,

दीदार तुम्हारा देखा है,

तेरे द्वार पे आने वालों ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है ॥


तेरे द्वार पे आने वालो ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है,

हर और निराले जलवे हैं,

जहाँ भवन तुम्हारा देखा है,

तेरे द्वार पे आने वालों ने,

क्या अजब नज़ारा देखा है ॥

फाल्गुन माह कालाष्टमी पूजा विधि

प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण और काल भैरव की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त अष्टमी का व्रत रखा जाता है।

कर दो दुखियो का दुःख दूर, ओ बाघम्बर वाले (Kar Do Dukhiyo Ka Dukh Dur O Baghambar Wale)

कर दो दुखियो का दुःख दूर,
ओ बाघम्बर वाले,

श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम्

नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के सिंह अवतार की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था।

प्रभु राम का बनके दीवाना (Prabhu Ram Ka Banke Deewana)

प्रभु राम का बनके दीवाना,
छमाछम नाचे वीर हनुमाना,