नवीनतम लेख

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे(Tera Kisne Kiya Shringar Sanware)

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,

तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,

तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

मस्तक पर मलियागिरी चन्दन,

केसर तिलक लगाया ।


मोर मुकुट कानो में कुण्डल,

इत्र खूब बरसाया ।

महकता रहे यह दरबार सांवरे,

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे ॥


बागो से कलियाँ चुन चुन कर,

सुन्दर हार बनाया ।

रहे सलामत हाथ सदा वो,

जिसने तुझे सजाया ।

सजाता रहे वो हर बार सांवरे

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे ॥


बोल सांवरे बोल तुम्हे मैं,

कौन सा भजन सुनाऊँ ।

ऐसा कोई राग बतादे,

तू नाचे मैं गाऊं ।

नचाता रहूँ मैं, हर बार सांवरे,

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे ॥


तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,

तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,

तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ(Sara Barsana Tera Deewana Hua)

तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,

जय अम्बे जगदम्बे मां (Jai Ambe Jagdambe Maa)

जब जब पापी पाप बढ़ाए,धर्म पे ग्रहण लगाए।
त्रिसूलधारी पाप मिटाने, इस धरती पर आए॥

नर्मदा जयंती उपाय

गंगा नदी की तरह ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। भारत में छोटी-बड़ी 200 से अधिक नदियां हैं, जिसमें पांच बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है। इतना ही नहीं, मान्यता है कि नर्मदा के स्पर्श से ही पाप मिट जाते हैं। इसलिए, प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को नर्मदा जयंती मनाई जाती है।

देव है ये भोले भक्तो का, खुद भी भोला भाला (Dev Hai Ye Bhole Bhakto Ka Khud Bhi Bhola Bhala)

देव है ये भोले भक्तो का,
खुद भी भोला भाला,

यह भी जाने