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सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है - शब्द कीर्तन (So Satguru Pyara Mere Naal Hai)

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है,

जिथे किथे मैनु लै छडाई


तिस गुरु कौ हौ वारिया,

जिन हर की हर कथा सुनाई,

तिस गुरु को सद बल हारनै,

जिन हर सेवा बड़त बड़ाई,

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है


तिस गुर कौ शाबाश हैं,

जिन हर सो जी पाई,

नानक गुर वीटो वारया

जिन हर नाम दिया,

मेरे मन की आश पुराई,

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल हैं


सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल हैं,

जिथे किथे मैनु लै छडाइ

श्री राधाजी की आरती (Shri Radhaji Ki Aarti)

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेक विराग विकासिनि।

कान्हा वे असां तेरा जन्मदिन मनावणा (Kahna Ve Assan Tera Janmdin Manavna)

रीझा भरी घडी यह आई,
घर घर होई रोशनाई

बुहा खोल के माये, जरा तक ते ले (Buha Khol Ke Maaye Zara Tak Te Le)

बुहा खोल के माये,
जरा तक ते ले,

श्री गणपत्यथर्वशीर्षम् स्तोत्रम्

ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयामदेवाः भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः।
स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवाꣳ सस्तनूभिःव्यशेम देवहितं यदायुः॥