नवीनतम लेख

श्यामा आन बसों वृन्दावन में - भजन (Shyama Aan Baso Vrindavan Me)



श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ।


श्यामा रसते में बाग लगा जाना,

फुल बीनुगी तेरी माला के लिए ।

तेरी बाट निहारूं कुंजन में,

मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥


श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ।


श्यामा रसते में कुआँ खुदवा जाना,

मैं तो नीर भरुंगी तेरे लिए ।

मैं तुझे नहालाउंगी मल-मल के,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥


श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।


श्यामा मुरली मधुर सुना जाना,

मोहे आके दरश दिखा जाना ।

तेरी सूरत बसी है अंखियन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥


श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।


श्यामा वृन्दावन में आ जाना,

आकर के रास रचा जाना ।

सूनी गोकुल की गलियन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥


श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।


श्यामा माखन चुराने आ जाना,

आकर के दही बिखरा जाना ।

बस आप रहो मेरे मन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ॥


श्यामा आन बसों वृन्दावन में,

मेरी उमर बीत गयी गोकुल में ।

भजामि शंकराये नमामि शंकराये (Bhajami Shankaraye Namami Shankaraye)

भजामि शंकराये नमामि शंकराये,
त्रिलोचनाये शूलपाणी चंद्र शेखराये,

प्रभु राम का सुमिरन कर (Prabhu Ram Ka Sumiran Kar)

प्रभु राम का सुमिरन कर,
हर दुःख मिट जाएगा,

वादा कर ले भोलेनाथ, छोड़ोगे ना हाथ (Wada Kar Le Bholenath Chodoge Na Hath)

वादा कर ले भोलेनाथ,
छोड़ोगे ना हाथ,

आखिर यमुना में ही क्यों छुपा था कालिया नाग

भक्त वत्सल की जन्माष्टमी स्पेशल सीरीज के एक लेख में हमने आपको बताया था कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने यमुना में कूदकर कालिया नाग से युद्ध किया था। क्योंकि उसके विष से यमुना जहरीली हो रही थी।

यह भी जाने