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श्याम ने रंगस्या जी: भजन (Shyam Ne Rangsya Ji)

मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रंगस्या जी,

मेलो फागण को ॥


रंग भरी पिचकारी लेकर,

खाटू नगरी आवा जी,

छोटो छोटो हाथा से म्हे,

रंग लगावा जी,

मेलो फागण को,

मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रँगस्या जी,

मेलो फागण को ॥


लाल गुलाबी नीला पीला,

रंग से खाटू रंगस्या जी,

ऐसो करा धमाल के बाबो,

रुक ना पावे जी,

मेलो फागण को,

मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रँगस्या जी,

मेलो फागण को ॥


भगता के संग होली खेलन,

श्याम धणी अब आयो जी,

देख म्हाने सांवरिये को,

जी ललचावे जी,

मेलो फागण को,

मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रँगस्या जी,

मेलो फागण को ॥


‘नवीन’ सुनावे फाग श्याम ने,

संग भक्ता रो रेलो जी,

सांवरियो म्हने रंग लगावे,

म्हे भी नाचा जी,

मेलो फागण को,

मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रँगस्या जी,

मेलो फागण को ॥


मेलो फागण को खाटू में चालो,

श्याम ने रंगस्या जी,

मेलो फागण को ॥

मार्च 2025 व्रत-त्योहार

मार्च का महीना वसंत ऋतु की ताजगी और खुशबू लेकर आता है। इस समय प्रकृति में नया जीवन और उत्साह का संचार होता है। इस माह में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। आपको बता दें, होली मार्च महीने का सबसे प्रमुख त्योहार है।

इस धरती पर स्वर्ग से सुन्दर, है तेरा दरबार(Is Dharti Par Swarg Se Sundar Hai Tera Darbar)

इस धरती पर स्वर्ग से सुन्दर,
है तेरा दरबार ॥

श्री कुबेर जी की आरती (Shri Kuber Ji Ki Aarti)

ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जय यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे॥

ना जाने आज क्यो फिर से, तुम्हारी याद आई है (Na Jaane Aaj Kyu Fir Se Tumhari Yaad Aayi Hai)

ना जाने आज क्यों फिर से,
तुम्हारी याद आई है ॥