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श्याम के बिना तुम आधी - भजन (Shyam Ke Bina Tum Aadhi)

श्याम के बिना तुम आधी,

तुम्हारे बिना श्याम आधे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे,

आठो पहर जो रहे अंग संग,

उस सांवरे की एक झलक,

दिखला दे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


मैं तो संवारे के रंग मे राजी,

बाँध घुँघरू भी पग मे नाची,

कैसो निष्ठुर भयो यशोदा का लाला,

बात मेरे ह्रदय की ना मानी,

अपनो के संग यूँ करते नहीं,

सांवरे को नेक* समझा दे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


छवि श्याम की बसाई लई चित मे,

खड़ी बाट निहारू नित्-नित् मैं,

श्याम के बिना मुझे कुछ नहीं सुझे,

श्याम के बिना जाऊ कित मैं,

कैसे बुझे प्यास नैनो की,

रास्ता कोई तो दिखला दे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


कही केशव कही पे कन्हैया,

कही नटवर रास रचैया,

मेरी भी नैय्या अटकी भँवर मे,

पार कर देना बनके खिवैया,

विनती मेरी भी इत्ती** सी,

बंसी बजैया तक पहुँचा दे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


श्याम के बिना तुम आधी,

तुम्हारे बिना श्याम आधे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


आठो पहर जो रहे अंग संग,

उस सांवरे की एक झलक,

दिखला दे,

राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥


राधे राधे राधे राधे,

राधे राधे राधे राधे ॥

नैनन में श्याम समाए गयो(Nainan Me Shyam Samay Gayo)

नैनन में श्याम समाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ।

मेरे प्रभु राम आये हैं(Mere Prabhu Ram Aye Hain)

राम लक्ष्मण जानकी,
जय बोलो हनुमान

जो भी भला बुरा है, श्री राम जानते है (Jo Bhi Bhala Bura Hai Shri Ram Jante Hain)

जो भी भला बुरा है,
श्री राम जानते है,

फाल्गुन शुक्ल आमलकी नाम एकादशी व्रत (Falgun Shukal Aamlaki Naam Ekadashi Vrat)

एक समय अयोध्या नरेश महाराज मान्धाता ने प अपने कुल गुरु महर्षि वसिष्ठ जी से पूछा-भगवन् ! कोई अत्यन्त उत्तम और अनुपम फल देने वाले व्रत के इतिहास का वर्णन कीजिए, जिसके सुनने से मेरा कल्याण हो।