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श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके चले आना प्रभुजी चले आना - भजन (Shrinath Banke Dinanath Banake Chale Aana Prabhuji Chane Aana)

श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम बालकृष्ण रूप में आना,

वैष्णव को दर्श दिखाना,

गोवर्धन नाथ बनके,

गिरिवर हाथ धरके,

चले आना प्रभुजी चले आना,

श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम वृन्दावन में आना,

संग राधाजी को लाना,

व्रजनाथ बनके राधाकांत बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना,

श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


तुम गोकुल मथुरा में आना,

बाललीला अपनी दिखाना,

गोकुलनाथ बनके यदुनाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना,

श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


मेरे मनमंदिर में आना,

श्रद्धा का दीप जलाना,

सारे दोष हरले मुझे अपना करले,

चले आना प्रभुजी चले आना,

श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥


श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके,

चले आना प्रभुजी चले आना ॥

स्कन्द षष्ठी व्रत नियम

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में षष्ठी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तिथि शिव-पार्वती जी के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

मढ़िया में जाके बोए जवारे (Madhiya Mein Jaake Boye Jaware)

मढ़िया में जाके बोए जवारे,
ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।

मंगल मूरति राम दुलारे(Mangal Murati Ram Dulare)

मंगल मूरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,

राम भी मिलेंगे तुझे, श्याम भी मिलेंगे (Ram Bhi Milenge Tujhe Shyam Bhi Milenge)

राम भी मिलेंगे तुझे,
श्याम भी मिलेंगे,