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शिव कैलाशो के वासी (Shiv Kailasho Ke Vasi)

शिव कैलाशो के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


तेरे कैलाशों का अंत ना पाया,

तेरे कैलाशों का अंत ना पाया,

अंत बेअंत तेरी माया,

ओ भोले बाबा,

अंत बेअंत तेरी माया,

शिव कैलाशों के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


बेल की पत्तियां भांग धतुरा,

बेल की पत्तियां भांग धतुरा,

शिव जी के मन को लुभायें,

ओ भोले बाबा,

शिव जी के मन को लुभायें

शिव कैलाशों के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


एक था डेरा तेरा,

चम्बे रे चौगाना,

दुज्जा लायी दित्ता भरमौरा,

ओ भोले बाबा,

दुज्जा लायी दित्ता भरमौरा,

शिव कैलाशों के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥


शिव कैलाशो के वासी,

धौली धारों के राजा,

शंकर संकट हरना,

शंकर संकट हरना ॥

श्री पितर चालीसा (Shri Pitar Chalisa)

है पित्तरेर आपको दे दियो आशीर्वाद, चरणाशीश नवा दियो रख दो सिर पर हाथ।

बनाएगा मेरी बिगड़ी, मेरा भोला शंकर (Banayega Meri Bigadi Bhola Shankar)

तेरी दया तेरा साया,
सदा रहता मुझ पर,

सत नाम का सुमिरन कर ले(Satt Nam Ka Sumiran Kar Le)

सत नाम का सुमिरन कर ले,
कल जाने क्या होय,

आयी बरसाने वाली है आयी (Aayi Barsane Wali Hai Aayi)

आयी बरसाने वाली है आयी,
रास रचते है कृष्ण कन्हाई ॥