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शिव अद्भुत रूप बनाए (Shiv Adbhut Roop Banaye)

शिव अद्भुत रूप बनाए,

जब ब्याह रचाने आए ॥


भुत बेताल थे,

संग में चंडाल थे,

भुत बेताल थे,

संग में चंडाल थे,

कैसी बारात शंकर सजाए,

जब ब्याह रचाने आए ।

शिव अदभुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


लंगड़े-लूले भी थे,

अंधे काणे भी थे,

लंगड़े-लूले भी थे,

अंधे काणे भी थे,

शुक्र शनिचर को भी संग लाये,

जब ब्याह रचाने आए ।

शिव अदभुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


आए सब देवता,

पाए जब नेवता,

आए सब देवता,

पाए जब नेवता,

देवियों को भी संग में बुलाए,

जब ब्याह रचाने आए ।

शिव अदभुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


लोग डरने लगे,

और ये कहने लगे,

लोग डरने लगे,

और ये कहने लगे,

रूप कैसा गजब बनाए,

जब ब्याह रचाने आए ।

शिव अदभुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


बोलो सत्यम शिवम्,

है वही सुन्दरम,

बोलो सत्यम शिवम्,

है वही सुन्दरम,

गोरा के मन को भाए,

जब ब्याह रचाने आए ।

शिव अदभुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


शिव अद्भुत रूप बनाए ,

जब ब्याह रचाने आए ॥


डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया(Dim Dim Damroo Bajavela Hamar Jogiya)

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया
हे हमार जोगिया हो हमार जोगिया

जिनके हृदय हरि नाम बसे (Jinke Hriday Hari Naam Base)

जिनके हृदय हरि नाम बसे,
तिन और का नाम लिया ना लिया ।

कब है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हर वर्ष अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। दृक पंचांग के अनुसार दिसंबर माह के 18 तारीख को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।

दादी चरणों में तेरे पड़ी, मैया (Dadi Charno Mein Tere Padi Maiya)

दादी चरणों में तेरे पड़ी,
मैया तुझको निहारूं खड़ी,

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