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शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे (Sherawali Ke Darbar Mein Rang Barse)

रंग बरसे देखो रंग बरसे,

रंग बरसे देखो रंग बरसे,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

अम्बेवाली दे दरबार में रंग बरसे,

ढोल नगाड़ों ढोलक बजे,

ढोल नगाड़ों ढोलक बजे,

सारे भगत यहाँ झूम के नाचे,

सारे भगत यहाँ झूम के नाचे,

माँ को मनाये सब नच नच के,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,


सब से ऊँचा धाम तुम्हारा,

सब से ऊँचा धाम तुम्हारा,

जग में पावन नाम तुम्हारा,

जग में पावन नाम तुम्हारा,

जग जाए किस्मत दर्शन से,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

जोता वाली के दरबार में रंग बरसे,


भक्तो के सब काम बनाये,

भक्तो के सब काम बनाये,

जब भी पुकारे मैया दौड़ी आये,

जब भी पुकारे मैया दौड़ी आये,

काट दिये संकट जन जन के,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

जोता वाली के दरबार में रंग बरसे,

मोहन कौशिक वो तर जाते,

मोहन कौशिक वो तर जाते,

जो सुख में सुमरन कर पाते,

जो सुख में सुमरन कर पाते,

गये हरीश भी तन मन से,

शेरोवाली के दरबार में रंग बरसे,

जोता वाली के दरबार में रंग बरसे,


आंवला नवमी व्रत कथा (Amla Navami Vrat Katha)

आंवला नवमी व्रत आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रखा जाता है। आंवला नवमी के दिन ही भगवान विष्णु ने कुष्माण्डक नामक दैत्य को मारा था और साथ ही आंवला नवमी पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध करने से पहले तीन वनों की परिक्रमा भी की थी।

दिन जिंदगी के चार, चाहे कम देना (Din Jindagi ke Char Chahe kam dena)

दिन जिंदगी के चार,
चाहे कम देना,

आओ राम भक्त हनुमान, हमारे घर कीर्तन में (Aao Ram Bhakt Hanuman, Hamare Ghar Kirtan Mein)

आओ राम भक्त हनुमान,
हमारे घर कीर्तन में,

गौरी के पुत्र गणेंश जी, मेरे घर में पधारो (Gauri Ke Putra Ganesh Ji Mere Ghar Mein Padharo)

गौरी के पुत्र गणेश जी,
मेरे घर में पधारो ॥

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