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शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है (Sharan Mein Hum Tumhare Aa Pade Hai)

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,

ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,

ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है ॥


भगत के दिल को यूँ ना तोड़ देना

निराशा कर प्रभु ना छोड़ देना,

बहुत ही गम के मारे आ पड़े है,

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,

ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है ॥


हमें भी अपनी सेवा में लगा लो,

चरण का अपने सेवक तुम बना लो,

जगत से बेसहारे आ पड़े है,

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,

ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है ॥


फसी है नाव ‘शर्मा’ की निकालो,

सहारा देके ‘लक्खा’ को बचा लो,

लो झोली को पसारे आ पड़े है,

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,

ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है ॥


शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,

ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,

ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है ॥


मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ - शब्द कीर्तन (Mehra Waliya Rakhi Charna De Kol)

मेहराँ वालिया साइयाँ रखी चरना दे कोळ,
रखी चरना दे कोल रखी चरना दे कोल,

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया(Dim Dim Damroo Bajavela Hamar Jogiya)

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया
हे हमार जोगिया हो हमार जोगिया

फुलेरा दूज पूजा विधि

फुलेरा दूज फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाले त्योहार है। यह त्योहार वसंत पंचमी के आने का संकेत देता है। इस दिन देश भर में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को सजाया जाता है।

नरसिंह द्वादशी क्यों मनाई जाती है

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह की पूजा की परंपरा है।

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